प्रसव बाद फिटनेस के लिए दिया जाने वाला समय काफी कम : दिल्ली हाईकोर्ट

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
शनिवार, 14 सितम्बर 2024 (01:13 IST)
Delhi High Court's directions regarding fitness time after delivery : दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) में नियुक्ति के लिए चिकित्सा जांच के समय गर्भवती महिला उम्मीदवारों को प्रसव के बाद अपेक्षित फिटनेस हासिल करने के लिए दिया जाने वाला छह सप्ताह का वक्त ‘बेहद कम’ है।
 
अदालत ने अधिकारियों से यह भी कहा है कि वे इस मामले में उचित समय देने के प्रावधान की पड़ताल करें। उच्च न्यायालय ने कहा कि गर्भवती महिला उम्मीदवार के लिए अपनी पूरी चिकित्सा फिटनेस हासिल करना और गर्भावस्था के नौ महीनों के दौरान बढ़े वजन को छह सप्ताह के भीतर कम करना संभव नहीं हो सकता है।
ALSO READ: Delhi High court ने 31 साल की महिला को दी गर्भपात कराने की इजाजत, करीब 30 हफ्ते का है गर्भ
अदालत को बताया गया कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और असम राइफल्स में भर्ती चिकित्सा जांच के दिशा-निर्देशों के पैराग्राफ 5.3 के अनुसार, यदि गर्भावस्था से संबंधित मूत्र परीक्षण सकारात्मक है, तो उम्मीदवार को अस्थाई रूप से अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा और प्रसव के छह सप्ताह बाद फिर से जांच की जाएगी, बशर्ते पंजीकृत चिकित्सक से फिटनेस का चिकित्सा प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया जाए।
 
न्यायमूर्ति रेखा पल्ली और न्यायमूर्ति शालिंदर कौर की खंडपीठ ने कहा, गर्भावस्था के बाद महिला उम्मीदवार को अपनी चिकित्सा फिटनेस हासिल करने में सक्षम बनाने के लिए दिशानिर्देशों के तहत परिकल्पित छह सप्ताह की यह अवधि, हमारी सुविचारित राय में, अत्यंत कम है, क्योंकि गर्भावस्था के दौरान वजन हासिल कर चुकी गर्भवती महिला उम्मीदवार के लिए छह सप्ताह के भीतर अपनी पूर्ण चिकित्सा फिटनेस हासिल करना और वजन कम करना हमेशा संभव नहीं हो सकता है। मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 के तहत भी ड्यूटी से अनुपस्थिति की लंबी अवधि की परिकल्पना की गई है।
ALSO READ: बाढ़ से गांव के रास्ते बंद, दर्द से कराह रही थी महिला, हैरान कर देगी दाई के सुरक्षित प्रसव कराने की कहानी
न्यायालय ने संबंधित अधिकारियों को चिकित्सा विशेषज्ञों के परामर्श से दिशानिर्देशों के इस प्रावधान की जांच करने का निर्देश दिया, ताकि ऐसे महिलाओं को पर्याप्त वक्त प्रदान करने पर विचार किया जा सके, जिसके भीतर एक महिला उम्मीदवार को गर्भावस्था के बाद अपनी चिकित्सा फिटनेस हासिल करने की आवश्यकता होती है।
 
अदालत उस महिला की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जो अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटे के तहत सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) में कांस्टेबल (धोबी) के रूप में शामिल होना चाहती थी, लेकिन उसे ‘अधिक वजन’ के आधार पर चिकित्सकीय रूप से अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
 
महिला का मामला यह था कि लिखित परीक्षा पास करने के बाद वह अपनी गर्भावस्था के अंतिम चरण में मेडिकल जांच के लिए उपस्थित हुई। उसकी मेडिकल जांच स्थगित कर दी गई और उसे प्रसव के बाद परीक्षा में उपस्थित होने का निर्देश दिया गया।
ALSO READ: CBI जांच वाले 6900 से ज्‍यादा मामले अदालतों में लंबित, CVC रिपोर्ट में जारी किए आंकड़े
याचिका में कहा गया है कि जब महिला प्रसव के बमुश्किल चार महीने बाद मेडिकल बोर्ड के समक्ष पेश हुई, तो उसे अधिक वजन के आधार पर ‘अनफिट’ घोषित कर दिया गया और मेडिकल बोर्ड की समीक्षा में भी उसे ‘अयोग्य’ घोषित किया गया, क्योंकि उसका बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) 25.3 पाया गया, जो सीएपीएफ में नियुक्ति के लिए निर्धारित स्वीकार्य सीमा 25 से अधिक था।
 
निष्कर्षों से असंतुष्ट होने पर उसने ग्वालियर के एक सरकारी अस्पताल का रुख किया, जहां उसका बीएमआई 24.8 पाया गया, लेकिन अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिसके बाद उसने राहत के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
 
पीठ ने कहा कि हालांकि उसके पास अधिकारियों के इस कथन पर संदेह करने का कोई कारण नहीं है कि चयन प्रक्रिया के दौरान महिला का बीएमआई 25 से अधिक पाया गया था, लेकिन इस बात पर विचार किया जाना चाहिए कि संबंधित उम्मीदवार ने मेडिकल जांच से बमुश्किल चार महीने पहले ही बच्चे को जन्म दिया था और वह नए मेडिकल बोर्ड द्वारा जांच के लिए एक और अवसर दिए जाने की हकदार है।
ALSO READ: राष्ट्रपति मुर्मू बोलीं- अदालतों में लंबित मामले बड़ी चुनौती
अदालत ने याचिका स्वीकार कर ली और निर्देश दिया कि एक सप्ताह के भीतर नए मेडिकल बोर्ड द्वारा जांच की जाए तथा यदि उसका बीएमआई 25 से कम पाया जाता है, तो उसे चार सप्ताह के भीतर कांस्टेबल (धोबी) के रूप में नियुक्त किया जाएगा। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Gold Record High: सोने की कीमत में धुआंधार तेजी, 1650 रुपए उछलकर 1 लाख के करीब पहुंचा, अब कितने हो गए दाम?

National Herald case : चिदंबरम ने सोनिया गांधी और राहुल का किया बचाव, बोले- इस राजनीतिक हमले को कांग्रेस करेगी नाकाम

UP में 8 साल से 73 लैपटॉप की निगरानी कर रहे हैं 2 कांस्टेबल, दिया जा चुका है 54 लाख रुपए वेतन

क्या है Karnataka Ex DGP ओमप्रकाश हत्याकांड का सच, कौन करता था किसको टार्चर, बेरहमी से कत्ल का क्या है राज

Oppo K13 5G : 7000mAh बैटरी वाला सस्ता 5G फोन, फीचर्स मचा देंगे तहलका

सभी देखें

नवीनतम

रामबन त्रासदी के बाद राजमार्ग पर फंसे हजारों यात्री, NGO ने किस तरह दिया सहारा?

CCTV फुटेज में खुद हमला करते दिखे DRDO विंग कमांडर, पुलिस ने बाइक सवार को किया गिरफ्तार

पूर्व DGP पर चाकू चलाने से पहले मोबाइल पर क्या सर्च किया था पत्नी पल्लवी ने

LIVE: बच्चों संग आमेर के किले पर पहुंचे अमेरिकी उपराष्‍ट्रपति वेंस

बाजार में 500 का नकली नोट, असली नोट से कितना अलग, कैसे करें पहचान?

अगला लेख