नई दिल्ली। दिल्ली के कई अस्पतालों ने कुछ देशों में कोरोनावायरस (Coronavirus) के मामलों में वृद्धि पर चिंताओं के बीच अपने विभाग प्रमुखों को मास्क पहनने और सैनिटाइजर का उपयोग करने सहित कोविड दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया। अस्पताल ने कहा कि उन्होंने किसी भी स्थिति के लिए खुद को तैयार रखा है।
कोविड-19 की दो लहरें बुनियादी ढांचे में बदलाव को लेकर अस्पतालों के लिए सबक लेने वाली थी, इसीलिए अब चिकित्सा सुविधाओं की ओर से दावा किया जा रहा है कि बीएफ.7 स्वरूप के मामलों में इजाफा होने पर वे स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चीन और अमेरिका जैसे कुछ देशों में वायरस के उपस्वरूप बीएफ.7 के कारण मामलों में वृद्धि के बीच, कोविड की स्थिति पर एक आपातकालीन बैठक की। भारत ने भी उपस्वरूप के कुछ मामलों की सूचना दी है, हालांकि राष्ट्रीय राजधानी में ऐसा कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है।
हम पूरी तरह तैयार हैं : राज्य द्वारा संचालित एलएनजेपी अस्पताल के चिकित्सा निदेशक सुरेश कुमार ने कहा कि अस्पताल में वर्तमान में 450 कोविड बिस्तर हैं, जिनमें 50 आईसीयू बिस्तर शामिल हैं। उन्होंने कहा कि अस्पताल में हमारे पास जीनोम सीक्वेंसिंग लैब है। कोविड अभी खत्म नहीं हुआ है लेकिन साथ ही हम पूरी तरह से तैयार हैं।
एहतियाती उपाय : अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक नंदिनी दुग्गल ने कहा कि केंद्र द्वारा संचालित आरएमएल अस्पताल मरीजों और उनके रिश्तेदारों को कोविड के अनुकूल व्यवहार का पालन करने के लिए प्रेरित कर रहा है।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 मामलों (अन्य देशों में) में अचानक वृद्धि को देखते हुए, अस्पताल ने सभी एहतियाती उपायों को विशेष रूप से मास्क पहनना, बार-बार हाथ धोना और सैनिटाइजर का उपयोग करना और सामाजिक दूरी को सख्ती से लागू करने का निर्णय लिया है। सभी विभागों के प्रमुखों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने विभागों में दिशानिर्देशों को सख्ती से लागू करें और जनता तथा मरीजों को इन सुरक्षात्मक उपायों का पालन करने के लिए प्रेरित करें।
साथ ही उन्होंने कहा कि संक्रमण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए सार्वजनिक जगहों पर दिशानिर्देशों संबंधी पोस्टर भी चिपकाए जाएंगे। वरिष्ठ चिकित्सक ने जोर देकर कहा कि अस्पताल बिस्तर, उपकरण, ऑक्सीजन आपूर्ति और दवाओं के मामले में चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है। (भाषा)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala