नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी के लगभग 1.30 करोड़ मतदाता रविवार को नगर निगम चुनाव के लिए मतदान कर 272 पार्षदों का चयन करेंगे। भाजपा, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने शुक्रवार को खत्म हुए धुंआधार चुनाव प्रचार के दौरान मतदाताओं का लुभाने के लिए सारे जतन किए। इस चुनाव से उभरी राजनीतिक तस्वीर का प्रभाव दिल्ली से इतर अन्य राज्यों में भी देखा जा सकता है।
इस बीच राज्य निर्वाचन आयोग ने कल के मतदान के लिए तैयारियां पूरी कर ली हैं। आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि तीनों नगर निगम के चुनाव में कल होने वाले मतदान के लिए कुल 13022 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं। सभी केंद्रों पर ईवीएम सहित मतदान संबंधी सभी जरूरी सामान पहुंचा दिया गया है।
दिल्ली पुलिस ने अर्धसैनिक बलों के साथ सभी मतदान केन्द्रों पर पुख्ता सुरक्षा इंतजाम सुनिश्चित कर दिए हैं। वहीं सुबह सात बजे से मतदान शुरू होने के मद्देनजर चुनावकर्मियों की सहूलियत के लिए दिल्ली मेट्रो कल सुबह चार बजे से मेट्रो रेल का परिचालन करेगी।
राज्य चुनाव आयोग ने निगम चुनाव में 774 स्थानों पर 4748 मतदान केंद्रों को संवेदनशील और अतिसंवेदनशील घोषित किया है। इसके मद्देनजर मतदान से लेकर 26 अप्रैल को मतगणना होने तक, संपूर्ण चुनाव प्रक्रिया में सुरक्षा की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस और अर्द्धसैनिक बल के 56 हजार जवानों के हाथों में सौंपी गई है।
जानकारों की राय में इस बार का निगम चुनाव परिणाम देश की राजनीतिक राजधानी के सियासी फलक को नया रंगरूप देने के अलावा तीनों दावेदार दलों के राजनीतिक भविष्य के लिए भी अग्नि परीक्षा साबित होगा। एक तरफ इस चुनाव का परिणाम पिछले विधानसभा चुनाव में 67 सीट जीतने का इतिहास बनाने वाली आम आदमी पार्टी की लोकप्रियता का पैमाना बनेगा वहीं दिल्ली की राजनीति में हाशिए पर जा पहुंची भाजपा और कांग्रेस के सियासी भविष्य की तस्वीर भी साफ हो जाएगी।
इस चुनाव में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आप के लिए अपने जनाधार को बरकरार रखने की चुनौती है जबकि पिछले दस साल से निगम की सत्ता पर काबिज भाजपा का लक्ष्य देशभर में चल रही मोदी लहर के सहारे एक बार फिर सत्ता की नाव को पार लगाना है, वहीं विधानसभा में सूपड़ा साफ करा चुकी कांग्रेस के लिए यह चुनाव खोई जमीन वापस पाने का अवसर है। (भाषा)