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Delhi Pollution: दिल्ली में दम घोंट रही जहरीली हवा, दिवाली के बाद 33 गुना बढ़ा प्रदूषण

हमें फॉलो करें Delhi Pollution: दिल्ली में दम घोंट रही जहरीली हवा, दिवाली के बाद 33 गुना बढ़ा प्रदूषण
, मंगलवार, 14 नवंबर 2023 (08:12 IST)
Delhi Pollution: दिल्ली में वायु प्रदूषण आम लोगों का दम घोंट रहा है। आलम यह है कि सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। राजधानी की हालात किसी गैस चैंबर की तरह हो गई है। रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली का कोई ऐसा एरिया नहीं है, जहां एयर क्वालिटी सबसे खराब स्तर पर नहीं नापी गई हो। बता दें कि दिवाली की रात जलाए गए पटाखों की वजह से हवा और भी ज्यादा दूषित हुई है।

सोमवार की सुबह और आज यानी मंगलवार (14 नवंबर) के दिन भी एयर क्वालिटी सुधरी नहीं है। कुछ इलाकों में अन्य के मुकाबले ज्यादा एक्यूआई रिकॉर्ड हुआ है। कमोबेश यही हाल मुंबई के हैं।

एयर क्वालिटी पर नजर रखने वाली स्विस कंपनी IQAir के मुताबिक सोमवार को दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर रहा। इसके बाद पाकिस्तान में लाहौर और कराची थे। दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में मुंबई और कोलकाता पांचवें और छठे स्थान पर हैं।

दिल्ली की हवा की क्वालिटी के साथ ही दिल्ली के पड़ोसी शहरों का भी हाल यही है। गाजियाबाद, नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद जैसे शहर के लोग भी साफ हवा के लिए तरसते हुए नजर आ रहे हैं। चिंता की बात ये है कि कई जगहों पर प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा हो गया कि मशीन उसे रिकॉर्ड भी नहीं कर पा रही थी। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के जरिए पटाखों पर लगाए गए पूर्ण प्रतिबंध के बाद भी दिल्ली-एनसीआर में जमकर पटाखे फोड़े गए।

33 गुना ज्यादा प्रदूषण : दिल्ली में आनंद विहार को वायु प्रदूषण का सबसे बड़ा हॉटस्पॉट माना जाता है। रविवार रात ये शहर का सबसे प्रदूषित इलाका रहा। लेकिन इस बार गाड़ियों के प्रदूषण या कंपनियों के धुएं या फिर धूल की वजह से प्रदूषण नहीं बढ़ा, बल्कि इसके पीछे पटाखे जिम्मेदार रहे। इस इलाके में हुई आतिशबाजी की वजह से प्रदूषण का स्तर काफी ज्यादा बढ़ गया। लोगों ने यहां जमकर पटाखे जलाए और सुप्रीम कोर्ट के नियमों का खुलकर उल्लंघन किया गया।

आनंद विहार में रात तक पीएम 2.5 का स्तर 1,985 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर (µg/m3) पहुंच गया। राष्ट्रीय सुरक्षा मानकों के हिसाब से ये 33 फीसदी ज्यादा है। राष्ट्रीय सुरक्षा मानक 60 µg/m3 की बात करता है, जबकि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के जरिए बताए गए 15 µg/m3 की तुलना में ये 132 फीसदी ज्यादा रहा। ऐसा ही हाल दिल्ली के बाकी के इलाकों में भी देखने को मिला, जहां तय किए गए मानकों से ज्यादा प्रदूषण फैला।
Edited by navin rangiyal

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