दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में बढ़ते वायु प्रदूषण के विरोध में इंडिया गेट पर प्रदर्शन कर रहे कुछ प्रदर्शनकारियों ने रविवार को आंदोलनस्थल से हटाए जाने के दौरान पुलिसकर्मियों पर कथित रूप से काली मिर्च का छिड़काव (पेपर स्प्रे) किया। पेपर स्प्रे एक गैर-घातक रसायन है, जिसका उपयोग आत्मरक्षा और भीड़ नियंत्रण के लिए किया जाता है। इससे आंखों और श्वसन प्रणाली में तीव्र जलन होती है। मीडिया खबरों के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने मारे गए नक्सली हिडमा के समर्थन में नारे लगाए।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दिल्ली वालों के लिए बुरी खबर दी है। बोर्ड ने बताया कि दिल्ली अभी बुधवार तक AQI बेहद गंभीर श्रेणी में बना रहेगा। रविवार को भी दिल्ली की हवा “बहुत खराब” श्रेणी में दर्ज की गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली का समग्र एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 391 दर्ज किया गया।
रविवार शाम इंडिया गेट पर उस वक्त अफरा-तफरी मच गई, जब दिल्ली की जहरीली हवा के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों ने पुलिसकर्मियों पर मिर्ची स्प्रे से हमला कर दिया। पुलिस के अनुसार इस घटना में तीन से चार पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनका राम मनोहर लोहिया (RML) अस्पताल में इलाज चल रहा है। प्रदर्शनकारी दिल्ली की “बहुत खराब” वायु गुणवत्ता के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर इंडिया गेट के पास जुटे थे, लेकिन बाद में पुलिस ने उन्हें वहां से हटा दिया।
पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए स्थान खाली करने के लिए कहा गया था, जिसमें स्पष्ट है कि दिल्ली में विरोध प्रदर्शन के लिए निर्धारित स्थल जंतर-मंतर है, न कि इंडिया गेट। पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को यह भी समझाने की कोशिश की कि एंबुलेंस और मेडिकल स्टाफ जाम में फंस गए हैं और उन्हें आपातकालीन रास्ता देने की जरूरत है, लेकिन प्रदर्शनकारी नहीं माने और और अधिक उग्र हो गए। आम आदमी पार्टी (AAP) की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने वायु प्रदूषण की स्थिति को “राष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल” बताया और केंद्र सरकार से जिम्मेदारी से कार्रवाई करने की मांग की।
उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने दिल्ली में 10 महीने रहने के बावजूद प्रदूषण को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। साथ ही उन्होंने NCR के मुख्यमंत्रियों और पर्यावरण मंत्रियों की आपात बैठक बुलाने की मांग की और सरकार पर लोगों की सेहत के साथ “धोखा” करने का आरोप लगाया, जिसके कारण लोग बार-बार सड़कों पर उतरने को मजबूर हो रहे हैं।