नई दिल्ली/ जिनेवा। कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी के कारण दुनियाभर में कंपनियां तेज गति से स्वचालन को अपना रही हैं और भारत में स्वचालन व डिजिटलीकरण अपनाने की गति वैश्विक औसत से तीव्र है। एक अध्ययन रिपोर्ट में बुधवार को यह बात सामने आई।
नौकरियों पर स्वचालन के प्रभाव तथा रोबोट क्रांति के परिदृश्य पर विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के द्वारा इस अध्ययन में पाया गया कि बदलाव की गति कोविड-19 के कारण तेज हो गई है। अध्ययन के अनुसार, भविष्य का कार्य स्वरूप समय से पहले ही आ धमका है। इसके कारण महज 26 अर्थव्यवस्थाओं में 15 उद्योगों में अगले पांच साल में 8.5 करोड़ नौकरियों पर असर पड़ सकता है। इससे मध्यम व बड़े व्यवसाय प्रभावित होने वाले हैं।
अध्ययन में यह भी कहा गया कि इसके साथ ही रोबोट क्रांति से 9.7 करोड़ नई नौकरियां भी सृजित होंगी। हालांकि इस बदलाव से अधिक जोखिम में घिरने वाले समुदायों को व्यवसायों तथा सरकारों से समर्थन की जरूरत होगी।
मंच ने कहा कि नई नौकरियां मुख्य रूप से रखरखाव (केयर) के क्षेत्र में सामने आएंगी। ये नौकरियां चौथी औद्योगिक क्रांति के प्रौद्योगिकी उद्योगों जैसे कृत्रिम मेधा तथा सामग्री सृजन के क्षेत्रों में होंगी। अध्ययन में कहा गया, भारत में परिचालन वाली कंपनियों में वैश्विक औसत से ऊपर स्वचालन और डिजिटलीकरण आ रहा है।
स्वचालन का वैश्विक औसत 50 प्रतिशत है, लेकिन भारत में 58 प्रतिशत कंपनियां स्वचालन अपनाने में तेजी ला रही हैं। इसी तरह कार्यों के डिजिटलीकरण पर भारत में 87 प्रतिशत कंपनियां काम रही हैं, जबकि इसका वैश्विक औसत 84 प्रतिशत है।(भाषा)