रोजगार की चिंता, पटाखा व्यवसायी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे

Webdunia
बुधवार, 11 अक्टूबर 2017 (13:48 IST)
नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर रोक के नौ अक्टूबर को दिए गए फैसले में बदलाव की मांग को लेकर व्यवसायियों का एक समूह बुधवार को उच्चतम न्यायालय पहुंचा।

उक्त फैसले में पटाखों की बिक्री पर एक नवंबर तक रोक लगा दी गई थी। व्यवसायियों ने उच्चतम न्यायालय को बताया कि 12 सितंबर को दिए गए शीर्ष अदालत के फैसले के मद्देनजर उनके लाइसेंस बहाल हो गए थे और उन्होंने दीपावली के दौरान बिक्री के लिए पटाखों की खरीद कर ली थी।
 
न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एएम सप्रे और न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा की पीठ ने उनकी अंतरिम याचिका को तत्काल सुनवाई के लिए रखते हुए व्यवसायियों के वकील को आश्वासन दिया कि वह आदेश पारित करने वाले संबद्ध न्यायाधीश से इस बारे में विमर्श करेंगे।
 
व्यवसायी राजेश कालिया और अन्य की ओर से पेश वकील दीपक चौहान ने कहा कि व्यवसायियों ने लाइसेंस बहाल होने के बाद इसमें बड़ी राशि का निवेश किया, ऐसे में शीर्ष अदालत के हालिया आदेश से उन्हें बहुत अधिक नुकसान उठाना पड़ेगा।
 
शीर्ष अदालत ने पटाखों की बिक्री पर एक नवंबर तक रोक लगाते हुए कहा था कि रोक को अस्थायी तौर पर हटाने वाला और पटाखों की बिक्री की मंजूरी देने वाला 12 सितंबर का उसका आदेश एक नवंबर से प्रभावी होगा। (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Operation Mahadev क्या है, जिसमें ढेर हुआ पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड हाशिम मूसा

1 घंटे में कैसे मार गिराए आतंकवादी, किसने उठाया ऑपरेशन महादेव पर सवाल

रक्षामंत्री राजनाथ ने संसद में दी जानकारी, पाकिस्तान की गुहार पर रोका गया ऑपरेशन सिंदूर

पहलगाम का बदला, जम्मू कश्मीर के दाचीगाम में 3 आतंकवादी ढेर

अद्भुत संयोग! पीएम मोदी पक्षियों पर बोल रहे थे, तभी मंत्री के कंधे पर आ बैठा पक्षी (वीडियो)

सभी देखें

नवीनतम

देश को ऑपरेशन तंदूर चाहिए था, सिंदूर नहीं, लोकसभा में सपा सांसद राजभर का बयान

जम्मू-कश्मीर में मारे गए आतंकियों को लेकर क्‍या बोले उपराज्यपाल मनोज सिन्हा

प्रियंका गांधी का विदेश मंत्री से सवाल, ऑपरेशन सिंदूर में अमेरिका के रोल पर चुप क्यों हैं?

वाडियार राजा का अनादर नहीं किया, बयान की गलत व्याख्या की गई : यतींद्र सिद्धारमैया

डोनाल्ड ट्रंप का मुंह बंद कराओ या भारत में.. संसद में दीपेंद्र हुड्डा ने सरकार से की यह मांग

अगला लेख