डॉक्टरों को 1000 करोड़ के मुफ्त उपहार पर जज हैरान, कहा-कोरोना में मुझे भी दी गई थी 'Dolo-650'

Webdunia
शुक्रवार, 19 अगस्त 2022 (07:33 IST)
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने 'डोलो-650' टैबलेट मरीजों को लिखने के लिए डॉक्टरों के मुफ्त उपहार पर संबंधित दवा कंपनी की ओर से 1000 करोड़ रुपए खर्च करने के आरोप को गंभीर मामला बताया। शीर्ष अदालत केंद्र सरकार से इस संबंध में 10 दिनों के अंदर अपना पक्ष रखने को कहा। 'डोलो-650' टैबलेट कोविड -19 महामारी के दौरान बुखाररोधी दवा के तौर बड़ी संख्या में रोगियों ने उपयोग की थी।
 
न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना की पीठ ने कहा कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने 'डोलो-650' टैबलेट के निर्माताओं पर इस टैबलेट को मरीजों को देने की सलाह के एवज में 1,000 करोड़ रुपए के मुफ्त उपहार बांटने पर खर्च करने का आरोप लगाया है। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि उन्हें भी कोविड के दौरान ये दवा दी गई थी। एक गंभीर मामला है।
 
पीठ ने केंद्र सरकार का पक्ष रख रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के. एम. नटराज से 10 दिनों के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा।
 
फेडरेशन ऑफ मेडिकल एंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव एसोसिएशन ऑफ इंडिया का पक्ष वकील वरिष्ठ संजय पारिख ने रखा। उन्होंने अदालत के समक्ष दलील देते हुए दावा किया कि 'डोलो' ने रोगियों को बुखार-रोधी दवा देने (डॉक्टरों द्वारा मरीजों को सलाह देने के लिए) डॉक्टरों पर 1,000 करोड़ रुपए खर्च किया था।
 
उच्चतम न्यायालय दवा कंपनियों कथित अनैतिक विपणन प्रथाओं को नियंत्रित करने और विनियमित करने के लिए दिशानिर्देश जारी करने की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में दावा किया गया है कि मौजूदा व्यवस्था की की स्वैच्छिक प्रकृति के कारण, अनैतिक प्रथाएं बढ़ रही हैं। यहां तक कि कोविड -19 जैसे वैश्विक महामारी के दौरान भी यह देखने को मिली थी।
 
शीर्ष न्यायालय ने महासंघ की जनहित याचिका पर गत मार्च को केंद्र सरकार से जवाब मांगा था। शीर्ष न्यायालय ने इससे पहले गत फरवरी 22 फरवरी को एक अलग फैसले में दवा लिखने के एवज में दवा बनाने वाली कंपनियों की ओर से डॉक्टरों के मुफ्त उपहार पर बड़ी राशि खर्च करने पर चिंता व्यक्त की थी।
 
न्यायालय ने छुट्टियों के लिए अंतरराष्ट्रीय यात्राओं या चिकित्सा सम्मेलनों में भाग लेने के नाम पर सोने के सिक्के, फ्रिज और एलसीडी टीवी जैसे उपहार डॉक्टरों को देने को गंभीरता से लिया था।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

कौन हैं महरंग बलोच, जिनसे पाकिस्तानी फौज भी खाती है खौफ?

kunal kamra controversies : कुणाल कामरा कैसे बने चर्चित कॉमेडियन, विवादों से रहा है पुराना नाता

सुनिता विलियम्स की वापसी अटकी थी राजनीति के कारण

सांसदों का वेतन बढ़ा, 34 हवाई यात्राएं, 50 हजार यूनिट, जानिए आपके माननीयों और क्या-क्या मिलता है फ्री

क्या प्रेंग्नेंट है मुस्कान, टेस्ट से सामने आएगा सच, साहिल ने मांगा सरकारी वकील, जानिए कैसी बीत रही हैं दोनों की रातें

सभी देखें

नवीनतम

'जलपुरुष' डॉ. मोहन यादव का संकल्प हर किसान के खेत तक पानी पहुंचाना

कौन हैं महरंग बलोच, जिनसे पाकिस्तानी फौज भी खाती है खौफ?

kunal kamra controversies : कुणाल कामरा कैसे बने चर्चित कॉमेडियन, विवादों से रहा है पुराना नाता

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव डायमंड स्टेट अवॉर्ड से सम्मानित

Sambhal Violence : हिंसा केस में सपा सांसद बर्क की बढ़ेगी मुश्किलें, पुलिस करेगी पूछताछ, जारी होगा नोटिस

अगला लेख