अब गुजरात में कांपी धरती, आया 5.5 की तीव्रता वाला भूकंप

Webdunia
रविवार, 14 जून 2020 (21:19 IST)
अहमदाबाद। कोरोना काल में महामारी से जूझ रहे भारत में राज्यों में प्राकृतिक आपदाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। दिल्ली-एनसीआर में कई बार कंपन के बाद गुजरात में धरती में कंपन हुआ।
 
रात करीब 8.13 मिनट पर 5.5 तीव्रता का भूंकप आया है। खबरों के अनुसार भूकंप का केंद्र राजकोट से 122 किलोमीटर उत्तर-उत्तर पश्चिम में बताया गया है।
 
बताया जा रहा है कि झटके कच्छ, सौराष्ट्र और अहमदाबाद में भी महसूस किए गए हैं। अभी तक किसी तरह के जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं हैं। हालांकि घरों में कंपन होने से लोग बाहर निकल गए। खबरों के अनुसार झटके काफी तेज थे और कई सेकंड तक महसूस होते रहे हैं।
 
कच्छ, मोरबी के अलावा गांधीनगर और अहमदाबाद में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। कच्छ और मोरबी में कच्चे मकानों में दरार आ गई। घरों में बर्तन भी गिर गए। गुजरात में 2001 में 26 जनवरी को विनाशकारी भूकंप आया था। जम्मू-कश्मीर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। 
 
पिछले 2-3 महीनों में दिल्ली में सबसे ज्यादा भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। दिल्ली-एनसीआर में भूकंप आने की बात की जाए तो पिछले 45 दिनों में दिल्ली-एनसीआर की धरती पर 10 से ज्यादा बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

OperationShield के तहत 6 राज्यों में हुई मॉक ड्रिल, पाकिस्‍तान में मची खलबली

सीएम योगी जी तो पॉवरफुल हैं ही, CJI बीआर गवई ने क्यों कही यह बात

Indus Water Treaty स्थगन पर पाकिस्तान की बिलबिलाहट, गिड़गिड़ा रहे शाहबाज को भारत ने दिखाया आईना

Operation Sindoor : क्या पाकिस्तान ने गिराए भारत के 6 फाइटर जेट, सवाल का CDS अनिल चौहान ने दिया जवाब

Covid-19 : देश में पिछले 24 घंटे में Corona Virus से 7 लोगों की मौत, मरीजों की संख्या 2700 के पार, 4 नए वैरिएंट मिले

सभी देखें

नवीनतम

पंजाब और हरियाणा में हुई मॉक ड्रिल, हमले की चेतावनी का बजा सायरन

Gujarat : विसावदर उपचुनाव को लेकर अरविंद केजरीवाल ने लोगों से की यह अपील

रामनगरी अयोध्या धाम फिर से हाईअलर्ट पर, राजा राम के दरबार की होगी प्राण प्रतिष्ठा

Land for Job Scam : लालू प्रसाद को लगा बड़ा झटका, कोर्ट ने खारिज की कार्यवाही पर रोक की याचिका

UP : ससुराल से प्रेमी संग गायब हुई दुल्हन, पंचायत ने सुनाया यह अनोखा फैसला

अगला लेख