हिंदुस्तान में तहजीब का हर रंग फला-फूला : प्रधानमंत्री मोदी

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
शुक्रवार, 28 फ़रवरी 2025 (22:02 IST)
Prime Minister Narendra Modi News: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि हिंदुस्तान जन्नत का वह बगीचा है, जहां तहजीब का हर रंग फला-फूला है और जहां की मिट्टी के मिजाज में ही कुछ खास है। राजधानी स्थित सुंदर नर्सरी में सूफी संगीत समारोह जहान-ए-खुसरो के 25वीं वर्षगांठ पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस आयोजन में एक अलग खुशबू है और ये खुशबू हिंदुस्तान की मिट्टी की है।
 
उन्होंने कहा कि वह हिंदुस्तान, जिसकी तुलना हज़रत अमीर खुसरो ने जन्नत से की थी। हमारा हिंदुस्तान जन्नत का वह बगीचा है जहां तहजीब का हर रंग फला-फूला है। यहां की मिट्टी के मिजाज में ही कुछ खास है। उन्होंने कहा कि शायद इसलिए जब सूफी परंपरा हिंदुस्तान आई, तो उसे भी लगा कि जैसे वह अपनी ही जमीं से जुड़ गई हो। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर देशवासियों को रमजान की मुबारकबाद भी दी।
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Speaking at the Jahan-e-Khusrau programme in Delhi. It is a wonderful effort to popularise Sufi music and traditions. https://t.co/wjwSOcba3m

— Narendra Modi (@narendramodi) February 28, 2025 >
सूफी परंपरा ने अलग पहचान बनाई : उन्होंने कहा कि किसी भी देश की सभ्यता, उसकी तहजीब को स्वर उसके गीत-संगीत से मिलते हैं और उसकी अभिव्यक्ति कला से होती है। उन्होंने कहा कि भारत में सूफी परंपरा ने अपनी एक अलग पहचान बनाई। सूफी संतों ने खुद को मस्जिद और खानकाहों तक सीमित नहीं रखा है। उन्होंने पवित्र कुरान के हर्फ पढ़े तो वेदों के शब्द भी सुने, उन्होंने अज़ान की सदा में भक्ति के गीतों की मिठास को जोड़ा।
 
जहान-ए-खुसरो समारोह का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे मौके देश की कला संस्कृति के लिए तो जरूरी होते ही है, साथ ही इनसे सुकून भी मिलता है। उन्होंने कहा कि जहान-ए-खुसरो का यह सिलसिला अपने 25 साल पूरा कर रहा है। इन 25 वर्षों में इस आयोजन का लोगों के जहन में जगह बना लेना अपने आप में बड़ी कामयाबी है।
 
खुसरो की विरासत का जश्न : जहान-ए-खुसरो समारोह सूफी संगीत, कविता और नृत्य को समर्पित एक अंतरराष्ट्रीय महोत्सव है। यह महोत्‍सव अमीर खुसरो की विरासत का जश्न मनाने के लिए दुनियाभर के कलाकारों को एक मंच प्रदान करता है। यह महोत्सव रूमी फाउंडेशन द्वारा आयोजित किया जाता है। इसे 2001 में प्रसिद्ध फिल्म निर्माता और कलाकार मुजफ्फर अली ने शुरू किया था।
 
महोत्सव के दौरान प्रधानमंत्री ने टीईएच बाजार (टीईएच- हस्तनिर्मित वस्तुओं को बढ़ावा) का भी जायजा लिया, जिसमें ‘एक जिला-एक उत्पाद’ से जुड़े शिल्प और देशभर से विभिन्न उत्कृष्ट कलाकृतियों के साथ-साथ हस्तशिल्प और हथकरघा पर लघु फिल्में आदि प्रदर्शित की गई हैं। (एजेंसी/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 

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