वन रैंक वन पेंशन के लिए पूर्व सैनिक ने दी जान

Webdunia
बुधवार, 2 नवंबर 2016 (10:33 IST)
नई दिल्ली। एक पूर्व सैनिक ने मंगलवार को वन रैंक वन पेंशन के मुद्दे पर जहर खा कर यहां खुदकुशी कर ली है। हरियाणा के भिवानी जिले के 70 वर्षीय पूर्व सैनिक राम किशन ग्रेवाल ने कल शाम जवाहर भवन के पीछे के लॉन में खुदकुशी कर ली। जवाहर भवन में विदेश मंत्रालय स्थित है।
 
 
 
पुलिस ने बताया कि ग्रेवाल अपने तीन साथियों के साथ ओआरओपी के मुद्दे पर रक्षा मंत्रालय को एक ज्ञापन सौंपने के लिए राष्ट्रीय राजधानी आए हुए थे।
 
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि वह ग्रेवाल के मौत पर दुखी हैं। पर्रिकर ने एक ट्वीट में कहा कि सूबेदार राम किशन ग्रेवाल की मौत पर दुखी हूं। मैं अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं। मैंने अधिकारियों से ब्योरा मुहैया कराने को कहा है।
 
उनके दोस्तों के मुताबिक सेना और डिफेंस सिक्यूरिटी कोर की 30 वर्षों तक सेवा करने वाले ग्रेवाल कुछ समय से ओआरओपी के मुद्दे पर परेशान थे।
 
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि रिकार्ड के अनुसार पर्रिकर के मिलने का कोई अनुरोध नहीं किया गया था।
 
इस बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पूर्व सैनिक कर्मी की खुदकुशी पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमला करते हुए कहा कि उनके शासन में किसान और जवान दोनों खुदकुशी कर रहे हैं।
 
केजरीवाल ने केन्द्र सरकार द्वारा कार्यान्वित की जा रही ओआरओपी योजना को लेकर प्रधानमंत्री पर झूठ बोलने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अगर केन्द्र द्वारा योजना का क्रियान्वयन किया जाता तो पूर्व सैनिक राम किशन ग्रेवाल खुदकुशी नहीं करते।
 
नई राजनीतिक पार्टी फौजी जनता पार्टी के सलाहकार रहे मेजर जनरल सतबीर सिंह (सेवानिवृत) की अगुवाई में पूर्व सैनिकों का एक समूह सरकार की ओआरओपी योजना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है।
 
एक सदस्यीय न्यायिक समिति द्वारा ओआरओपी पर अपनी रिपोर्ट पर्रिकर को सौंपे जाने के कुछ दिनों के बाद यह कथित खुदकुशी सामने आई है।
 
केन्द्र ने ओआरओपी के कार्यान्वयन से होने वाली किसी विसंगति की पड़ताल करने के लिए पटना उच्च न्यायालय के सेवानिवृत मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एल नरसिम्हा रेड्डी की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया था।
 
मंत्रालय इस समय रिपोर्ट का अध्ययन कर रहा है और सूत्रों ने बताया कि इस पर जल्द ही कोई फैसला किया जाएगा।
 
पूर्व सैनिक ओआरओपी में बदलाव की मांग को लेकर यहां जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार ने उनकी चार प्राथमिक शर्तों को नहीं माना है। 
 
मुख्य मांग में सरकार द्वारा तय किये गये पांच साल के बजाय हर साल पेंशन का पुनरीक्षण करना और समयपूर्व सेवानिवृत्त होने वाले सैनिकों के लिए ओआरओपी शामिल है। राज्यसभा सांसद राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि वह 105 इंफैंट्री बटालियन और डीएससी के ग्रेवाल की खुदकुशी से दुखी हैं।
 
उन्होंने एक बयान में कहा, 'उनकी मौत जंतर मंतर पर हुई जहां पर पूर्वसैनिकों ने पहले भी प्रदर्शन किया है और प्रदर्शन वापस लेने के मेरे आह्वान के बावजूद कुछ लोग प्रदर्शन जारी रखे हैं। उनके परिवार और उनके दोस्तों के प्रति मैं गहरा दुख व्यक्त करता हूं।'
 
चंद्रशेखर ने पर्रिकर से ओआरओपी के बाकी बचे मुद्दों, विसंगतियों और सातवें केन्द्रीय वेतनमान को भी तुरंत सुलझाने का अनुरोध किया।
 
उन्होंने कहा कि मैं उनसे अनुरोध करता हूं, जैसा कि मैंने बार बार किया है कि इन मुद्दों को हल करने के लिए सशस्त्र बलों के प्रतिनिधियों को सीधे तौर पर शामिल किया जाए और इसे केवल नौकरशाहों के लिए नहीं छोड़ा जाए और इसे तत्काल करना चाहिए।  (भाषा) 

 
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