दिल्ली मार्च पर अड़े किसान, 5 घंटे की बैठक में क्यों नहीं निकला समाधान?

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
मंगलवार, 13 फ़रवरी 2024 (08:25 IST)
Farmers Protest 2024 : सरकार और किसानों के बीच दिल्ली में 5 घंटे तक चली बैठक में कोई समाधान नहीं निकल सका। अब किसान दिल्ली मार्च की तैयारी कर रहे हैं।
 
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर समेत किसान नेता शाम करीब साढ़े छह बजे शुरू हुई बैठक में शामिल थे।
 
बैठक के बाद पंढेर ने कहा कि हमने उनके साथ लंबी चर्चा की। हर मुद्दे पर बात हुई... हमारी कोशिश किसी भी टकराव से बचने की थी। हम चाहते थे कि उनके साथ बातचीत के जरिए इस मुद्दे को हल किया जाए। अगर सरकार ने हमें कोई पेशकश की होती तो हम अपने आंदोलन पर पुनर्विचार कर सकते थे। उन्होंने दावा किया कि सरकार की मंशा साफ नहीं है।
 
पंढेर ने कहा कि वे हमें कुछ भी नहीं देना चाहते ... हमने उनसे निर्णय लेने के लिए कहा। उन्होंने न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी देने की किसानों की मांग पर कोई निर्णय नहीं लिया। हम कल सुबह 10 बजे दिल्ली की ओर मार्च करेंगे।
 
समझा जा रहा है कि केंद्रीय मंत्रियों ने पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने पर भी सहमति जताई है। बैठक में भाग लेने वाले एक किसान नेता ने संवाददाताओं से कहा कि उनकी मुख्य मांगों में एमएसपी की कानूनी गारंटी और कर्ज माफी शामिल है।
 
एसकेएम नेता डल्लेवाल ने कहा कि एक तरफ, वे (केंद्र) हमारे साथ बातचीत कर रहे हैं और दूसरी तरफ, वे हमारे लोगों को हिरासत में ले रहे हैं। फिर यह वार्ता कैसे होगी? उन्होंने कहा कि हमने सरकार से कहा है कि वह हमारे लोगों को रिहा करे। सरकार को वार्ता के लिए सकारात्मक माहौल बनाने की जरूरत है।
 
खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल के साथ बैठक में शामिल हुए केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि अधिकांश मुद्दों पर सहमति बन गई है और सरकार ने प्रस्ताव रखा है कि शेष मुद्दों को एक समिति के गठन के माध्यम से सुलझाया जाए।
 
उन्होंने कहा कि सरकार हमेशा चाहती है कि हम हर मुद्दे को बातचीत के जरिए सुलझा सकें... हम अब भी आशान्वित हैं और बातचीत का स्वागत करते हैं।
 
बैठक में शामिल हुए पंजाब के कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के साथ खड़ी है। (एजेंसियां)
Edited by : Nrapenrda Gupta 

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