कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के मतदान से पहले किसानों ने कोलकाता में जाकर भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। विभिन्न किसान संघों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने शुक्रवार को किसानों और अन्य लोगों से आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को वोट नहीं देने का अनुरोध किया।
मोर्चा ने कहा कि चुनावी हार केंद्र की भाजपा नीत सरकार को तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए मजबूर करेगी। एसकेएम नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि हम किसी भी पार्टी का समर्थन नहीं कर रहे हैं या लोगों से यह नहीं कर रहे हैं वे किसे वोट दें, लेकिन हमारी एकमात्र अपील है कि भाजपा को सबक सिखाया जाए।
एसकेएम ने एक पत्र भी जारी किया जिसमें राज्य के किसानों से भाजपा को वोट नहीं देने का आग्रह किया गया है। मोर्चा ने पत्र में कहा कि चुनाव में हार से केंद्र सरकार कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए मजबूर होगी।
सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने भाजपा पर 'देश कुछ कॉरपोरेटों को बेचने' की कोशिश करने का आरोप लगाया और लोगों से अपने मताधिकार का प्रयोग सावधानीपूर्वक करने का आग्रह किया।
किसानों के आंदोलन को 'अपमानित' करने के लिए केंद्र की निंदा करते हुए पाटकर ने आरोप लगाया कि ब्रिटिश शासकों ने भी ऐसे कृत्यों का सहारा नहीं लिया जैसा वर्तमान सरकार कर रही है। उन्होंने पश्चिम बंगाल विधानसभा में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित किए जाने का स्वागत किया।
ट्रेन सेवाएं बहाल : पश्चिम रेलवे ने पंजाब में किसानों के आंदोलन के कारण प्रभावित हुई विशेष ट्रेनों की निर्धारित सेवाएं शुक्रवार को फिर से शुरू कीं। पश्चिम रेलवे ने अधिसूचित किया कि सभी ट्रेनें अब अपने निर्धारित मार्गों और समय पर चलेंगी, क्योंकि पंजाब के जंडियाला में प्रभावित रेल लाइन बृहस्पतिवार को ट्रेनों की आवाजाही के लिए फिट घोषित की गई है।
पंजाब में किसान आंदोलन के कारण जंडियाला स्टेशन पर ट्रेनों की आवाजाही पिछले कई दिनों से प्रभावित थी और पश्चिम रेलवे की कुछ विशेष ट्रेनों को या तो रद्द कर दिया गया था, उनके मार्ग बदल दिये गए थे या उनके मार्ग कम कर दिये गए थे। जोनल रेलवे ने यात्रियों से ट्रेन सेवाएं बहाल किए जाने का संज्ञान लेने और उनके अनुसार अपनी यात्रा की योजना बनाने की भी अपील की।
किसान आंदोलन पर फैसला करे सरकार : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन और लव जिहाद को लेकर शुक्रवार को भाजपा व केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर कटाक्ष किए और कहा कि अगर केंद्र सरकार को सदबुद्धि आ जाए तो देशहित में होगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अपनी जिद छोड़कर किसान आंदोलन पर फैसला करे।
गहलोत ने दांडी मार्च की 91वीं वर्षगांठ पर आयोजित मार्च की शुरुआत के बाद गांधी सर्किल पर आयोजित सभा को संबोधित किया व उसके बाद मीडिया से बात की। कृषि आंदोलन को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर की जा रही टिप्पणियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ये जो हालात बने हैं, इसमें बहुत खतरनाक मामला है और बहुत चिंताजनक स्थिति है।