पुणे। पश्चिमी महाराष्ट्र में खास तौर पर कोल्हापुर और सांगली जिलों में बाढ़ की स्थिति भयावह होने के बाद 1.32 लाख से ज्यादा लोगों ने सुरक्षित स्थानों पर शरण ली है। यहां लगातार हुई बारिश से यह स्थिति उत्पन्न हुई है। कोल्हापुर और सांगली जिलों में स्कूलों और कॉलेजों में बुधवार को छुट्टियों की घोषणा कर दी गई।
अधिकारियों ने बताया कि पिछले सात दिनों में बारिश और बाढ़ से संबंधित विभिन्न घटनाओं में 16 लोगों की मौत हो चुकी है।
पुणे के प्रखण्ड आयुक्त डॉक्टर दीपक महाइसेकर ने कहा, 'पुणे क्षेत्र में (पुणे, सातारा, सोलापुर, सांगली और कोल्हापुर जिलों में) अब तक बाढ़ से 1.32 लाख लोग प्रभावित हुए हैं और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। उन्होंने बताया कि सांगली और कोल्हापुर जिलों में क्रमश: 53,000 और 51,000 लोगों को बाहर निकाला गया है।'
महाइसेकर ने कहा, 'सेना, नौसेना और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) दोनों जिलों में बचाव अभियान चला रहे हैं और बुधवार शाम तक एनडीआरएफ की छह और टीम कोल्हापुर जाएगी।'
उन्होंने बताया कि सभी क्षेत्रों की बांधों में जरूरत से ज्यादा पानी है और मौसम विभाग ने अगले चार दिन में लगातार बारिश होने की आशंका जताई है। इसलिए अगर संबंधित बांध क्षेत्रों में ज्यादा बारिश होती है तो ज्यादा बाढ़ से इनकार नहीं किया जा सकता।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुंबई में एक बैठक में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने जल संसाधन विभाग को बांधों से जल छोड़े जाने और अन्य परियोजनाओं के बारे में रेलवे के साथ रोजाना जानकारी साझा करने को कहा है।