आईवीएफ के जरिए दुनिया में पहली बार कंगारू का भ्रूण विकसित

'रिप्रोडक्टिव, फर्टिलिटी एंड डेवलपमेंट' पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने मार्सुपियल के संरक्षण के लिए इस प्रजनन पद्धति का दस्तावेजीकरण किया है।

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
शुक्रवार, 7 फ़रवरी 2025 (17:47 IST)
Kangaroo embryo: वैज्ञानिकों ने इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) के जरिए दुनिया में पहली बार कंगारू (Kangaroo) का भ्रूण सफलतापूर्वक विकसित किया है जिसको लेकर वैज्ञानिकों का कहना है कि यह प्रजाति को विलुप्त होने से बचाने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
 
'रिप्रोडक्टिव, फर्टिलिटी एंड डेवलपमेंट' पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने मार्सुपियल के संरक्षण के लिए इस प्रजनन पद्धति का दस्तावेजीकरण किया है।
 
मार्सुपियल प्रजातियों के संरक्षण का समर्थन करना : क्वींसलैंड विश्वविद्यालय में पशु विज्ञान के एक वरिष्ठ व्याख्याता प्रमुख शोधकर्ता एंड्रेस गैम्बिनी ने कहा कि हमारा लक्ष्य कोआला, तस्मानियन डेविल और लीडबीटर्स पोसम्स जैसी लुप्तप्राय मार्सुपियल प्रजातियों के संरक्षण का समर्थन करना है। उन्होंने कहा कि इस तरह की संरक्षण पद्धतियों का विकास करके, हमारा उद्देश्य इन अद्वितीय और लुप्तप्राय जानवरों की आनुवांशिक सामग्री को भविष्य में उपयोग के लिए सुरक्षित रखना है।ALSO READ: Cyber ​​Crime के खिलाफ जनहित याचिका, Delhi High Court ने केंद्र से मांगा जवाब
 
आईवीएफ की संभावनाओं का पता लगाया जा रहा : लुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण के लिए दुनियाभर में आईवीएफ की संभावनाओं का पता लगाया जा रहा है। जनवरी 2024 में, जर्मनी के वैज्ञानिकों ने दुनिया में पहली बार आईवीएफ के जरिए राइनो भ्रूण को विकसित किया था और उसे सरोगेट में प्रतिरोपित किया था। इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पता लगाया कि कंगारू के अंडे और शुक्राणुओं की प्रयोगशालाएं समय के साथ कैसे विकसित हुईं।ALSO READ: बंगाल के नदिया में पटाखा फैक्टरी में विस्फोट, 4 लोगों की मौत, 1 घायल
 
गैम्बिनी ने बताया कि चूंकि ईस्टर्न ग्रे कंगारू बहुतायत में हैं, इसलिए हमने उनके अंडों और शुक्राणुओं को एकत्रित किया, ताकि घरेलू पशुओं और मनुष्यों पर पहले से लागू भ्रूण प्रौद्योगिकियों को अनुकूलित करने के लिए एक मॉडल के रूप में उनका उपयोग किया जा सके।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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