नई दिल्ली। महाराष्ट्र के विदर्भ और मुंबई क्षेत्र में आज से भारी बारिश का अनुमान लगाया गया है। यहां बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण विकसित हो रहा है। जैसे-जैसे यह और तेज होगा, महाराष्ट्र में और बारिश होगी। सबसे पहले विदर्भ क्षेत्र में बारिश होगी।
हालांकि यह ज्यादातर पूर्व से पश्चिम तक राज्य के उत्तरी हिस्से को कवर करेगा, लेकिन कुछ स्थानों पर बहुत भारी बारिश हो सकती है। इसके बाद उत्तरी महाराष्ट्र के बाद पालघर, ठाणे और मुंबई के तटीय जिलों में बारिश होगी। ओडिशा, छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों, गंगीय पश्चिम बंगाल के अलग-अलग हिस्सों, झारखंड, दक्षिण राजस्थान के कुछ हिस्सों और विदर्भ और तेलंगाना के अलग-अलग हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है।
उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, पूर्वोत्तर भारत, बिहार के कुछ हिस्सों, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, कोंकण और गोवा, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश संभव है। मध्य महाराष्ट्र, रायलसीमा, तटीय कर्नाटक और केरल में हल्की बारिश संभव है।
अब लगेगा सटीक अनुमान : सरकार ने आने वाले वर्षों में मौसम पूर्वानुमान को और अधिक सटीक बनाने एवं समय पर इससे संबंधित जानकारी के प्रसार के लिए पूर्वानुमान सेवाओं के उन्नयन नामक एक उप-योजना बनाई है जिससे मौसम खराब होने संबंधी भविष्यवाणी में तीन से छह घंटे तक का सुधार हो सकता है।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि आने वाले वर्षों में मौसम पूर्वानुमान को सटीक एवं प्रभावी बनाने तथा समय पर इसकी जानकारी के प्रसारण के लिए योजना पर काम किया जा रहा है। वायुमंडलीय एवं जलवायु अनुसंधान प्रेक्षण प्रणालियों और सेवाओं का प्रतिरूपण (एक्रॉस) योजना के तहत पूर्वानुमान सेवाओं के उन्नयन नामक एक उप-योजना बनाई गई है।
उन्होंने कहा कि इससे नेटवर्क में सुधार और संख्यात्मक मॉडलिंग क्षमता में सुधार होगा तथा मौसम पूर्वानुमान को अधिक सटीक बनाया जा सकेगा। अधिकारी ने कहा कि मौसम पूर्वानुमान को सटीक बनाने के लिए कृत्रिम बुद्धिमता (एआई) का उपयोग करने पर भी काम चल रहा है। इन प्रयासों से मौसम खराब होने संबंधी पूर्वानुमान में तीन से छह घंटे तक का सुधार हो सकता है।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, पूर्वानुमान सेवाओं के उन्नयन की उप-योजना के तहत आधुनिक प्रचालन पूर्वानुमान प्रणाली, बहुआयामी जोखिम पूर्व चेतावनी प्रणाली, गरज तूफान मूल्यांकन, शहरी मौसम विज्ञान सेवा तथा खगोल सेवाओं को विकसित करने एवं उन्नत बनाया जाएगा। इसके अलावा जल मौसम विज्ञान सेवा एवं पर्यटन पूर्वानुमान सेवाओं को उन्नत बनाने पर काम किया जाएगा।
मंत्रालय के मुताबिक, भारत मौसम विज्ञान विभाग ने अपनी उच्च निष्पादन कम्प्यूटिंग प्रणाली (एचपीसी) को 6.8 पेटाफ्लाप्स तक उन्नत बनाया है और इसके साथ ही साल 2022 तक उच्च निष्पादन कम्प्यूटिंग प्रणाली को 10 पेटाफ्लाप्स से बढ़ाकर 40 पेटाफ्लाप्स करने तथा साल 2024 तक 100 पेटाफ्लाप्स करने की योजना बनाई गई है।
इसके अनुसार, डॉप्लर मौसम रडार और उपग्रह डाटा का उपयोग करते हुए भारी वर्षा के संदर्भ में फिलहाल नाउकास्ट प्रारूप में अर्थात 2-3 घंटे पहले बादल फटने संबंधी पूर्वानुमान व्यक्त किया जा रहा है।