Dharma Sangrah

पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को एक और मामले में 5 साल कैद

Webdunia
शुक्रवार, 23 सितम्बर 2022 (21:58 IST)
लखनऊ, इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने माफिया पूर्व बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर अधिनियम के 23 साल पुराने एक मामले में शुक्रवार को 5 साल की कैद और 50 हजार जुर्माने की सजा सुनाई।

अदालत ने कहा कि भले ही मुख्तार गैंग चार्ट में दर्ज मुकदमों में गवाहों के मुकरने से बरी कर दिया गया हो, लेकिन यदि गैंग चार्ट व पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों से यह साबित है कि मुख्तार गैंग का सदस्य है और वह लोक व्यवस्था छिन्न भिन्न करने के साथ आर्थिक व अन्य प्रकार के लाभों के लिए अपराध कारित करता है। न्यायमूर्ति डीके सिंह की पीठ ने अंसारी को वर्ष 2020 में लखनऊ की विशेष एमपी-एमएलए अदालत द्वारा इस मामले में बरी किए जाने के निर्णय को पलटते हुए यह सजा सुनाई।

शासकीय अधिवक्ता राव नरेंद्र सिंह ने बताया कि इस मामले में मुख्तार अंसारी के खिलाफ वर्ष 1999 में लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया था और वर्ष 2020 में विशेष एमपी-एमएलए अदालत ने अंसारी को बरी कर दिया था। उसके बाद 2021 में सरकार ने निचली अदालत के इस फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।

अदालत ने फैसले में कहा कि चूंकि मुख्तार पहले से ही जेल में है, अतः उसे आत्‍मसमर्पण करने का आदेश देने की कोई आवश्‍यकता नही है। थाना प्रभारी हजरतगंज ने 1999 में मुख्तार और उसके साथियेां के खिलाफ गैंगस्टर अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी। मुख्तार के साथ उसके दर्जन भर से अधिक साथी भी अभियुक्त बनाए गए थे, लेकिन विचारण के दौरान कुछ की मृत्यु हो गई और कुछ साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिए गए, मुख्तार को भी बरी कर दिया गया था।

न्यायमूर्ति सिंह ने अपने फैसले में कहा कि विचारण अदालत ने मुख्तार को बरी करने में बड़ी गलती की। अदालत ने कहा, ‘उसके खिलाफ गैंग चार्ट को साबित किया गया था जो कि एक दस्तावेजी साक्ष्य था। मुख्तार एक गैंगस्टर है और तमाम अपराध करता है। यह सबूत उसे गैंगस्टर अधिनियम की धारा 2/3 के तहत दोषी साबित करने के लिए पर्याप्त है।

अदालत ने कहा कि मुख्तार के खिलाफ कई प्राथमिकियां दर्ज हुई और आरोपपत्र भी दाखिल हुए जिनमें एक वह मामला भी है, जिसमें लखनऊ जेल के तत्‍कालीन अधीक्षक आर के तिवारी की हत्या की गई थी। अदालत ने कहा कि किसी मामले में सजा होना या बरी हेाना गैंगस्टर के आरेापों के लिए मायने नहीं रखता है।

मुख्तार के खिलाफ सरकार की अपील पर बहस करते हुए अपर शासकीय अधिवक्ता यूसी वर्मा एवं राव नरेंद्र सिंह का कहना था कि गैंग चार्ट में मुख्तार व उसके साथियों के खिलाफ 22 मुकदमों का उल्लेख है। मुख्तार व उसके साथियों ने जघन्य हत्याएं, वसूली, अपहरण और फिरौती वसूलने के अपराध कारित किए हैं। उसका भय इतना है कि किसी मामले में उसे सजा नहीं हो पाती, क्येांकि गवाह उसके डर से पक्ष द्रोही हो जाते रहे हैं।

सरकारी अधिवक्ताओं ने तर्क दिया कि गैंगस्टर अधिनियम बना ही ऐसे अपराधियों के लिए है। गैंग चार्ट में संगीन अपराधी अभय सिंह का भी नाम था, किन्तु उसे व अन्य को या तो पहले ही बरी कर दिया गया था या उनकी मृत्यु हो गई थी। गौरतलब है कि अंसारी को पिछले बुधवार को जेलर को धमकाने और उस पर पिस्टल तानने के मामले में भी सात साल की सजा सुनाई गई थी।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

ISRO कर रहा बड़ी तैयारी, Chandrayaan-4 करेगा कमाल, 7 सैटेलाइट होंगे लांच

महाराष्ट्र में CM फडणवीस का तगड़ा दांव, उद्धव ठाकरे को सौंपी बड़ी जिम्मेदारी

बिहार में सरकार गठन की तैयारियां तेज, कौन होगा मुख्‍यमंत्री, कब होगा शपथ ग्रहण

बिहार विधानसभा चुनाव में हार पर होगा मंथन, तेजस्वी ने राजद विधायकों की बुलाई बैठक

Rohini Acharya : रोहिणी आचार्य के आरोपों से मचा सियासी तूफान, कौन हैं तेजस्वी के करीबी रमीज नेमत

सभी देखें

नवीनतम

2 पैन कार्ड ने बढ़ाई आजम खान की मुश्किल, बेटे अब्दुल्ला को भी 7 साल की कैद

क्या होता है आरक्षित जातियों में क्रीमी लेयर, SC आरक्षण पर क्या बोले CJI बीआर गवई

बिहार की बेरहम बहू, ससुर का प्रायवेट पार्ट ईंट से कुचला, सिर फोड़ दिया

दिल्‍ली विस्‍फोट पर महबूबा मुफ्ती का विवादित बयान, बताया कौन है जिम्‍मेदार?

LIVE: नीतीश कुमार का बिहार CM पद से इस्तीफा

अगला लेख