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बचत खातों में न्यूनतम बैलेंस न होने पर सरचार्ज लगाने पर सरकारी बैंकों को केंद्र की फटकार

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, बुधवार, 3 अक्टूबर 2018 (08:59 IST)
नई दिल्ली। बचत खाते में न्यूनतम बैलेंस न रखने वाले ग्राहकों पर चार्ज लगाने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को सरकार ने फटकार लगाई है। सरकार ने बैंकों से साफ कहा है कि इस तरह का चार्ज लगाने से आम लोगों के बीच बैंकों की नकारात्मक छवि बनती है। इसलिए उन्हें ग्राहकों को उनके बचत खाते में न्यूनतम जमाराशि रखने के लिए आकर्षित करने को वैकल्पिक बैंकिंग उत्पाद शुरू करने की संभावनाएं तलाशनी चाहिए।
 
सूत्रों के अनुसार बचत खाते में न्यूनतम बैलेंस न रखने पर चार्ज लगने का मुद्दा हाल में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में हुई सरकारी बैंकों की बैठक में उठा। यह बैठक सरकारी बैंकों के कामकाज की समीक्षा करने के लिए बुलाई गई थी। इसी बैठक में बैंकों को मिनिमम बैलेंस पर चार्ज लगाने के मुद्दे पर हिदायत दी गई।
 
गौरतलब है ‍कि सरकारी बैंकों ने वित्त वर्ष 2017-18 में मिनिमम बैलेंस न रखने वाले बचत खाताधारकों से चार्ज के रूप में 3551 करोड़ रुपए वसूले हैं। सूत्रों ने कहा कि जब पांच सरकारी बैंकों का विश्लेषण कर यह जानने का प्रयास किया गया कि मिनिमम बैलेंस न रखने पर चार्ज के रूप में वसूली गई राशि बैंकों की ब्याज से होने वाली आय के मुकाबले कितनी है तो चौंकाने वाला तथ्य सामने आया।
 
बैंकों को ब्याज के रूप में जितनी आय होती है उसके मुकाबले चार्ज के रूप में वसूली जाने वाली यह राशि एक प्रतिशत भी नहीं है। इसी तरह बैंकों के ब्याज पर व्यय के मुकाबले यह राशि मात्र एक प्रतिशत के आस-पास है। यही कारण है कि सरकार ने अब बैंकों को यह हिदायत दी है।

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