GST के बारे में 10 जानने योग्य बातें...

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देश में एक समान वस्तु एवं सेवा कर (GST) लागू करने वाला एवं भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण माना जा रहा ऐतिहासिक, बहुप्रतीक्ष्रित और बहुचर्चित 'संविधान (122वां संशोधन) विधेयक 2014 राज्यसभा में सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। जीएसटी से जुड़ी जानने योग्य बातें... 
 
 
क्या है जीएसटी : गुड्‍स एंड सर्विसेस टैक्स यानी वस्तु एवं सेवा कर को 1947 के बाद सबसे बड़ा कर सुधार (टैक्स रिफॉर्म) माना जा रहा है। भारत में वर्ष 2006-07 के आम बजट में पहली बार इसका जिक्र किया गया था। 

लोकसभा में पारित : यह बिल 6 मई 2015 को लोकसभा में पास हो गया, जहां इसे 37 के मुकाबले 352 मतों से पारित कर दिया। जीएसटी को एक अप्रैल 2016 से लागू करने का प्रस्ताव है। 
 
राज्यसभा में मुश्किल : राज्यसभा में सरकार के लिए जीएसटी पास कराना आसान नहीं होगा क्योंकि सरकार के पास उच्च सदन में पर्याप्त संख्या नहीं है। वहां सरकार को विरोधी कांग्रेस के समर्थन की जरूरत पड़ेगी। हालांकि अब उम्मीद जताई जा रही है कि मानसून सत्र में यह महत्वाकांक्षी बिल पारित हो सकता है। इसकी सबसे अहम वजह यह है कि ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस और जयललिता की पार्टी एआईएडीएमके राज्यसभा में इस बिल के समर्थन में वोट कर सकती हैं। 

 
खत्‍म होंगे सभी टैक्‍स..पढ़ें अगले पेज पर... 

खत्म होंगे सभी टैक्स : जीएसटी ऐसा टैक्स है, जो राष्ट्रीय स्तर पर किसी भी सामान या सेवा की मैन्युफैक्चरिंग, बिक्री और उपयोग पर लगाया जाएगा। इस कर के लागू होने के बाद चुंगी, सेंट्रल सेल्स टैक्स (सीएसटी), राज्य स्तर के सेल्स टैक्स या वैट, एंट्री टैक्स, स्टैंप ड्यूटी, टेलीकॉम लाइसेंस फीस, टर्नओवर टैक्स, बिजली के इस्तेमाल या बिक्री पर लगने वाले टैक्स, सामान के ट्रांसपोर्टेशन पर लगने वाले टैक्स इत्यादि खत्म हो जाएंगे।
पूरे देश में होगा एक जैसा टैक्‍स..पढ़िए अगले पेज पर... 

पूरे देश में एक जैसा टैक्स : देशवासियों को जीएसटी से सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि पूरे देश में सामान पर एक ही टैक्स चुकाना होगा। इससे देशभर में सामान की कीमत एक ही रहेगी। हालांकि जीएसटी से आम आदमी को कितनी राहत मिलेगी यह इस बात पर निर्भर करेगा कि जीएसटी की दर क्या रखी जाती है।
 
नफा-नुकसान : जीएसटी के नकारात्मक और सकारात्मक दोनों ही पक्ष हैं। इसके लागू होने से सामान तो सस्ता मिलेगा, लेकिन सेवाएं महंगी हो जाएंगी। सेवाओं पर वर्तमान में 14.5 प्रतिशत टैक्स लगता, जबकि जीएसटी के बाद यह 18 फीसदी या इससे अधिक हो सकता है। दूसरी ओर जिन वस्तुओं पर 25-30 प्रतिशत कर लगता, उनमें उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। 
टैक्स भरना होगा आसान..आगे पढ़िए...

टैक्स भरना होगा आसान : जीएसटी लागू होने से टैक्स संरचना में सुधार होगा। टैक्स भरना आसान हो जाएगा। इससे टैक्स चोरी भी रुकेगी। किसी भी प्रोडक्ट पर लगने वाला कर एक सा रहेगा। इसका सीधा असर देश की जीडीपी पर पड़ेगा। देश की अर्थव्यवस्था सुधरेगी। 
कंपनियों की परेशानियां होंगी कम..अगले पेज पर...

कंपनियों की परेशानियां होंगी कम : जीएसटी लागू होने पर कंपनियों की परेशानियां और खर्च कम होगा। एक ही वस्तु का अलग-अलग टैक्स नहीं चुकाना होगा। व्यापारियों को सामान एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में कोई दिक्कत नहीं होगी। इससे सामान बनाने की लागत घटेगी। 
कांग्रेस कर रही है इसका विरोध..अगले पेज पर पढ़ें...

कांग्रेस का विरोध : कांग्रेस की मांग 18 फीसदी जीएसटी तय करने की है, जबकि सरकार इसका नियंत्रण अपने पास रखना चाहती है। यह सबसे बड़ा कारण है कि कांग्रेस इस बिल का समर्थन नहीं कर रही है। इसके अलावा कांग्रेस पार्टी चाहती है कि तमिलनाडु, महाराष्‍ट्र और गुजरात जैसे उत्पादक राज्यों में लगने वाले एक फीसदी अतिरिक्त टैक्स को खत्म किया जाए। 
क्‍या है राज्‍यों की आशंका..पढ़ें अगले पेज पर...

राज्यों की आशंका : राज्य पैट्रो उत्पादों को जीएसटी के दायरे में रखने के पक्ष में नहीं है, क्योंकि इससे राज्यों की आय पर असर पड़ेगा। हालांकि केंद्र ने राज्यों को राहत दे दी है कि इन वस्तुओं पर अभी जो टैक्स राज्य ले रहे हैं, वो शुरुआती बरसों में लेते रहें। राज्यों का जो नुकसान होगा उसकी भरपाई पांच साल तक केंद्र करेगा। इसके अलावा जीएसटी से जो टैक्स मिलेगा, वो केंद्र और राज्य में एक तय हिसाब से बंटेगा।
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