नई दिल्ली। सियाचिन में 6 दिन तक 35 फुट बर्फ के नीचे दबे रहने के बावजूद चमत्कारिक रूप से जीवित निकाले गए बहादुर सैनिक लांस नायक हनुमंथप्पा कोप्पाड का आज निधन हो गया। हनुमंथप्पा के निधन की खबर से पूरा देश में शोक में डूब गया है और राजनेता से लेकर बॉलीवुड तक की हस्तियां उन्हें श्रद्धांजलि दे रही है।
सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज बताया ‘लांस नायक हनुमंथप्पा नहीं रहे। उन्होंने सुबह 11 बजकर 45 मिनट पर अंतिम सांस ली।’ मद्रास रेजिमेंट के 33 वर्षीय सैनिक के परिवार में उनकी पत्नी महादेवी अशोक बिलेबल और दो वर्ष की एक बेटी नेत्रा कोप्पाड है।
कर्नाटक के धारवाड़ के बेटादूर गांव के रहने वाले कोप्पाड 13 वर्ष पहले सेना से जुड़े थे। कोप्पाड की तबीयत कल और बिगड़ गई थी और उनके महत्वपूर्ण अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। दिमाग में ऑक्सिजन की कमी हो गई थी और फेफड़ों में निमोनिया
उन्हें नौ फरवरी को यहां आर्मी रिसर्च एंड रेफरल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। तीन फरवरी को 19,600 फुट की ऊंचाई पर सियाचिन में हिमस्खलन के बाद बर्फ में दबने के बावजूद वह छह दिन तक मौत को मात देने में सफल रहे थे। उन्हें ‘चमत्कारी मानव’ का नाम दिया गया है।
सैनिक अस्पताल के क्रिटिकल केयर विशेषज्ञों, मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष, एक वरिष्ठ किडनी रोग विशेषज्ञ और एक वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट और एम्स के विशेषज्ञों के एक पैनल ने कल उनकी हालत की समीक्षा की थी। (भाषा/वेबदुनिया)