Karnataka government suffers setback in RSS case : कर्नाटक सरकार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की शाखाओं पर प्रतिबंध लगाने के प्रयास में बड़ा झटका लगा है। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार की उस याचिका को गुरुवार को यानी आज खारिज कर दिया, जिसमें हाईकोर्ट के पूर्व में दिए गए आदेश को चुनौती दी गई थी। हाईकोर्ट ने कहा कि किसी संगठन की गतिविधियों पर रोक लगाने से पहले ठोस और कानूनी आधार होना चाहिए। कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद सरकार की स्थिति असहज हो गई है। कर्नाटक में आरएसएस की शाखाएं लंबे समय से सक्रिय हैं। कर्नाटक सरकार ने बीते दिनों एक आदेश जारी किया था, जिसमें सार्वजनिक जगहों पर निजी संगठनों की गतिविधियों के लिए सरकार की अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया गया था।
खबरों के अनुसार, कर्नाटक सरकार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की शाखाओं पर प्रतिबंध लगाने के प्रयास में बड़ा झटका लगा है। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार की उस याचिका को गुरुवार को यानी आज खारिज कर दिया, जिसमें हाईकोर्ट के पूर्व में दिए गए आदेश को चुनौती दी गई थी। हाईकोर्ट ने कहा कि किसी संगठन की गतिविधियों पर रोक लगाने से पहले ठोस और कानूनी आधार होना चाहिए।
कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद सरकार की स्थिति असहज हो गई है। कर्नाटक में आरएसएस की शाखाएं लंबे समय से सक्रिय हैं। कर्नाटक सरकार ने बीते दिनों एक आदेश जारी किया था, जिसमें सार्वजनिक जगहों पर निजी संगठनों की गतिविधियों के लिए सरकार की अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया गया था।
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें हाईकोर्ट के पूर्व में दिए गए आदेश को चुनौती दी गई थी। पूर्व में एक सिंगल जज की पीठ ने राज्य सरकार के उस आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसमें सार्वजनिक जगहों पर निजी संगठनों की गतिविधियों को प्रतिबंधित किया गया था।
राज्य सरकार ने हाल ही में एक आदेश जारी कर कुछ स्थानों पर आरएसएस की शाखाओं के आयोजन पर रोक लगाई थी। इस कदम के बाद सरकार पर राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर काफी आलोचना हुई। अब कर्नाटक हाईकोर्ट ने इस आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है और सरकार को फटकार लगाई है।
अदालत ने स्पष्ट किया कि इस तरह का प्रतिबंध अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और संगठन के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। न्यायमूर्ति एसजी पंडित और न्यायमूर्ति गीता केबी की खंडपीठ ने सरकार को सलाह दी कि वह अपील दायर करने के बजाय एकल पीठ के समक्ष जाकर अंतरिम रोक हटाने का अनुरोध करे। एकल पीठ ने 28 अक्टूबर को शासनादेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी। दी।
याचिका पर 17 नवंबर को होगी सुनवाई : मुख्य याचिका पर सुनवाई 17 नवंबर को होनी है। कर्नाटक में आरएसएस की शाखाएं लंबे समय से सक्रिय हैं और उनका सामाजिक, सांस्कृतिक व शैक्षिक गतिविधियों में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इस मामले के बाद अब राज्य सरकार के सामने यह चुनौती होगी कि वह अदालत के निर्देशों का पालन करते हुए अपने प्रशासनिक कदमों को किस दिशा में ले जाती है।
Edited By : Chetan Gour