High Court order in Central Vista case : उच्च न्यायालय ने सोमवार को दिल्ली वक्फ बोर्ड से कहा कि जब भी केंद्र सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के संबंध में उसकी संपत्तियों के खिलाफ कोई कार्रवाई करे तो वह अदालत का दरवाजा खटखटा सकता है।
न्यायमूर्ति पुरुषेंद्र कुमार कौरव ने कहा कि परियोजना को उच्चतम न्यायालय की मंजूरी मिली हुई है और उन्होंने बोर्ड से 2021 में दायर अपनी याचिका वापस लेने को कहा। बोर्ड ने इस याचिका में क्षेत्र में अपनी छह संपत्तियों की सुरक्षा के लिए निर्देश देने का आग्रह किया था।
याचिकाकर्ता की ओर से अदालत में पेश वरिष्ठ वकील ने कहा कि वक्फ बोर्ड यह नहीं कह रहा है कि सेंट्रल विस्टा परियोजना को खत्म करना होगा, बल्कि वह केवल यह आश्वासन चाह रहा है कि उसे उसकी संपत्तियों से बेदखल नहीं किया जाएगा। न्यायाधीश ने कहा, इस याचिका को वापस ले लीजिए। हम मामले को उलझाना नहीं चाहते। जब भी वे कोई कार्रवाई करेंगे, आप आ सकते हैं।
अदालत ने बोर्ड को याचिका वापस लेने की अनुमति देते हुए कहा कि यदि आवश्यक हो तो वह नई याचिका दायर कर सकता है। बोर्ड ने 2021 में क्षेत्र में अपनी छह संपत्तियों के संरक्षण और सुरक्षा के लिए उच्च न्यायालय का रुख किया था। क्षेत्र में उस समय पुनर्विकास कार्य किया जा रहा था।
बोर्ड की इन संपत्तियों में मानसिंह रोड पर मस्जिद ज़ब्ता गंज, रेड क्रॉस रोड पर जामा मस्जिद, उद्योग भवन के पास मस्जिद सुनहरी बाग रोड, मोतीलाल नेहरू मार्ग के पीछे मजार सुनहरी बाग रोड, कृषि भवन परिसर के अंदर मस्जिद कृषि भवन और उपराष्ट्रपति के आधिकारिक आवास के अंदर स्थित मस्जिद शामिल है।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दिसंबर 2021 में उच्च न्यायालय को आश्वासन दिया था कि परियोजना के आसपास के क्षेत्र में दिल्ली वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर कुछ नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा था कि लंबी योजना होने के कारण, पुनर्विकास संबंधित संपत्तियों तक नहीं पहुंचा है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour