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कश्मीर में आतंक पर कड़े एक्शन की तैयारी, अमित शाह ने हाईलेवल मीटिंग में बताया कि क्या है प्लान

NSA अजित डोभाल भी हुए शामिल

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

नई दिल्ली , रविवार, 16 जून 2024 (19:54 IST)
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सुरक्षा एजेंसियों को सफलता हासिल करने के लिए कश्मीर की तर्ज पर जम्मू संभाग में भी क्षेत्र प्रभुत्व और आतंकवाद की गतिविधियों पर पूरी तरह से लगाम लगाने की नीति (जीरो टेरर प्लान) को लागू करने का रविवार को निर्देश दिया। शाह ने कहा कि नरेन्द्र मोदी नीत सरकार नए तरीकों से आतंकवादियों पर नकेल कसने के लिए प्रतिबद्ध है। सूत्रों ने बताया कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में हाल में हुए आतंकवादी हमलों के मद्देनजर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए बुलाई गई एक हाईलेवल बैठक में गृह मंत्री ने अधिकारियों से ये बातें कहीं।
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शाह ने 29 जून से शुरू होने जा रही वार्षिक अमरनाथ तीर्थयात्रा की तैयारियों की भी समीक्षा की। सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्री को जम्मू-कश्मीर के मौजूदा हालात के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई और आने वाले दिनों में सुरक्षाबल वहां आतंकवाद रोधी अभियान तेज कर सकते हैं।  उन्होंने कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ अभियान प्रधानमंत्री के निर्देशानुसार चलाया जाएगा।
 
शाह ने यहां नॉर्थ ब्लॉक में उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इससे तीन दिन पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इसी मुद्दे पर एक बैठक की थी। इसमें उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था के संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिया था।
 बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, अगले सेना प्रमुख के तौर पर नामित लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, गुप्तचर ब्यूरो के निदेशक तपन डेका, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक अनीश दयाल सिंह, बीएसएफ के महानिदेशक नितिन अग्रवाल, जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक आर आर स्वैन और अन्य शीर्ष सुरक्षा अधिकारी शामिल हुए।
 
सूत्रों ने बताया कि पिछले शुक्रवार को हुई एक बैठक में शाह को जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति, अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर सुरक्षाबलों की तैनाती, घुसपैठ की कोशिशों, आतंकवाद रोधी अभियानों की स्थिति और केंद्र शासित प्रदेश में सक्रिय आतंकवादियों के बारे में जानकारी दी गई थी।

आतंकवादियों ने पिछले चार दिनों में जम्मू-कश्मीर के रियासी, कठुआ और डोडा जिलों में चार स्थानों पर हमले किए, जिनमें नौ तीर्थयात्रियों और सीआरपीएफ के एक जवान की मौत हो गई तथा सात सुरक्षाकर्मी और कई अन्य घायल हो गए। कठुआ जिले में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में दो संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकवादी भी मारे गए और उनके पास से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद हुआ। आतंकवादियों ने नौ जून को तीर्थयात्रियों की एक बस पर उस समय गोलीबारी की, जब यह शिवखोड़ी मंदिर से कटरा की ओर जा रही थी।
 
इस बस में उत्तरप्रदेश, राजस्थान और दिल्ली के श्रद्धालु सवार थे। गोलीबारी के बाद बस गहरी खाई में गिर गई थी, जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई थी और 41 अन्य घायल हो गए थे। आतंकवादियों ने 11 जून को भद्रवाह में राष्ट्रीय राइफल्स और पुलिस की संयुक्त चौकी पर गोलीबारी की थी। आतंकवादियों ने 12 जून को डोडा जिले के गंडोह क्षेत्र में एक तलाशी दल पर हमला किया था, जिसमें एक पुलिसकर्मी सहित सात सुरक्षाकर्मी घायल हो गए थे।
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 इन हमलों के मद्देनजर प्रधानमंत्री मोदी ने 13 जून को गृह मंत्री के साथ सुरक्षा बलों की तैनाती तथा आतंकवाद रोधी अभियानों पर चर्चा की। प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल से भी वार्ता की थी और केंद्र शासित प्रदेश की स्थिति के बारे में जानकारी ली थी।
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ये घटनाएं दक्षिण कश्मीर हिमालय में अमरनाथ गुफा मंदिर की वार्षिक तीर्थयात्रा से पहले हुई हैं। यह यात्रा 29 जून से शुरू होने वाली है और 19 अगस्त तक जारी रहेगी। अमरनाथ के लिए तीर्थयात्री जम्मू कश्मीर में दो मार्गों-बालटाल और पहलगाम से यात्रा करते हैं। इनपुट भाषा

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