नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर पर सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। मोदी के साथ 3 घंटे से ज्यादा समय तक चली बैठक में जम्मू-कश्मीर के नेताओं ने 5 मांगें रखी हैं। इनमें जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग भी शामिल है।
बैठक के बाद उमर अब्दुल्ला ने दावा किया कि भारत सरकार पाकिस्तान से बात कर रही है। खुले रूप से न सही, बंद कमरे में पाकिस्तान से बात हो रही है। उमर ने कहा कि शांतिपूर्ण माहौल बनाना दोनों देशों का काम है। हम पड़ोसी को बदल नहीं सकते। पीएम से बैठक के बाद महबूबा मुफ्ती ने कहा कि अच्छे माहौल में बात हुई। कश्मीर के लोग गुस्से में हैं। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाना कश्मीर के लोगों को कबूल नहीं है। चाहे कितना भी वक्त लगे हम 370 को लागू करवाएंगे। इससे पहले महबूबा मुफ्ती ने भी कश्मीर के मुद्दे पर भारत सरकार से पाकिस्तान से बात करने की बात कही थी।
गुलाम नबी आजाद ने कहा- हमने सरकार के सामने 5 बड़ी मांगें रखी हैं-
पहली मांग : जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की बात कही गई है। कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का सही समय है।
दूसरी मांग : राज्य में जल्द ही विधानसभा चुनाव होना चाहिए।
तीसरी मांग : केन्द्र सरकार से डोमिसाइल जमीन की गारंटी मांगी।
चौथी मांग : कश्मीरी पंडितों को वापस लाया जाए।
पांचवीं मांग : राजनीतिक कैदियों की रिहाई जल्द होनी चाहिए।
अल्ताफ बुखारी ने कहा- पहले परिसीमन होगा, उसके बाद जम्मू कश्मीर में चुनाव होगा।