मुंबई। सऊदी अरामको के चेयरमैन और वहां के प्रमुख संपत्ति कोष पीआईएफ के प्रमुख यासिर ओथमान अल-रुमायन रिलायंस इंडस्ट्रीज के निदेशक मंडल में बतौर स्वतंत्र निदेशक शामिल होंगे। उनकी नियुक्ति दोनों पक्षों के बीच 15 अरब डॉलर के सौदे के पूरा होने से पहले हुई है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने गुरुवार को कंपनी की 44वीं सालाना आम बैठक में अल-रुमायन की नियुक्ति की घोषणा की। दो वर्ष पहले अंबानी ने कंपनी की तेल-रसायन (ओ2सी) इकाई में सऊदी अरामको को 20 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की योजना की जानकारी दी थी।
उन्होंने कहा कि हार्वर्ड विश्वविद्यालय से पढ़े 51 वर्षीय अल-रुमायन 92 साल के योगेंद्र पी त्रिवेदी की जगह लेंगे। त्रिवेदी ने सेवानिवृत्त होने की इच्छा व्यक्त की है। अंबानी ने ओ2सी कारोबार में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के बारे में कहा कि सौदा इस साल पूरा हो जाने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा, कोविड-19 को लेकर कई चुनौतियों के बावजूद हमने सऊदी अरामको के साथ अपनी बातचीत में उल्लेखनीय प्रगति हासिल की। इस महामारी के दौरान भी दोनों पक्षों की ओर से निरंतर जुड़ाव और संकल्प सऊदी अरामको और रिलायंस के बीच मजबूत संबंधों का प्रमाण है।
अंबानी ने कहा कि आरआईएल ओ2सी कारोबार में सऊदी अरामको को रणनीतिक भागीदार के रूप में स्वागत करने के लिए उत्सुक है। उन्होंने कहा, मुझे उम्मीद है कि हमारी भागीदारी को इस साल शीघ्रता से औपचारिक रूप दे दिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि अंबानी ने 2019 में ओ2सी कारोबार का मूल्यांकन 75 अरब डॉलर होने की घोषणा की थी। इस कारोबार में समूह की तेल रिफाइनरी और पेट्रोरसायन इकाइयों के साथ ईंधन का खुदरा बिक्री कारोबार शामिल हैं। अरामको को 20 प्रतिशत हिस्सेदारी का मूल्य 15 अरब डॉलर बैठता है। हालांकि गुरुवार को उन्होंने कोई मूल्य की जानकारी नहीं दी।
अंबानी ने कहा, एक स्वतंत्र निदेशक के रूप में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के निदेशक मंडल में शामिल होने के लिए सऊदी अरामको के अध्यक्ष और पब्लिक इनवेस्टमेंट फंड (पीआईएफ) के गवर्नर यासिर अल-रुमायन का स्वागत करते हुए मुझे खुशी हो रही है। अल-रुमायन के पास अच्छा-खासा वित्तीय अनुभव है। वह सॉफ्टबैंक ग्रुप कॉर्प और उबर टेक्नोलॉजीज के निदेशक मंडल में भी शामिल हैं।(भाषा)