'शून्य' से 'शिखर' पर YES Bank...और फिर धड़ाम...

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
शनिवार, 7 मार्च 2020 (01:00 IST)
मुंबई। देश के सबसे 4 बड़े निजी बैंकों में शुमार होने वाले येस बैंक (YES Bank) ने अपना सफर शून्य से शुरू किया था और शिखर पर पहुंचने के बाद धड़ाम से नीचे गिर गया। इस बैंक की शुरुआत से लेकर पतन की कहानी बेहद दिलचस्प है। बैंक के संस्थापक और सीईओ राणा कपूर की गलत नीतियों का ही नतीजा है कि आज बैंक डूब गया। इस बैंक ने खून-पसीने की गाढ़ी कमाई से भरे खजाने को उन पर लुटा डाला जो खुद डूब रहे थे। आइए जानते हैं, इसकी नींव के पत्थर से लेकर अब तक की पूरी कहानी...

2004 में हुई स्थापना : राणा कपूर ने अपने रिश्तेदार और दोस्त अशोक कपूर के साथ मिलकर कॉर्पोरेट येस बैंक (YES Bank) की शुरुआत मुंबई से की। प्रायवेट सेक्टर का यह सबसे लोकप्रिय बैंक 16 साल पहले तक सबसे भरोसेमंद और लोकप्रिय बैंकों में से एक था।

2005 में आया आईपीओ : एक साल के भीतर ही इसकी लोकप्रियता चरम पर पहुंच गई क्योंकि यह बैंक किसी भी कर्ज लेने वाले को 'ना' नहीं करता था। 2005 में येस बैंक का आम लोगों के लिए आईपीओ लांच हुआ, जिसे काफी अच्छा प्रतिसाद मिला। नवंबर 2005 में बैंक के संस्थापक राणा कपूर को एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर के अवॉर्ड से नवाजा गया।

2006 में आए चौंकाने वाले वित्तीय नतीजे : येस बैंक ने पहले वित्तीय वर्ष के जो नतीजे घोषित किए, वे बेहद चौंकाने वाले थे। इस बैंक ने 55 करोड़ 30 लाख का मुनाफा कमाया। इस मुनाफे ने खाताधारकों और निवेशकों को अपनी ओर आकर्षित किया।
ALSO READ: YES Bank को डुबोया 3 बड़े डिफाल्टरों ने, खाताधारकों की उड़ी रातों की नींद
2008 में दूसरे संस्थापक अशोक कपूर 26/11 के हमले में मारे गए : येस बैंक को तेजी से शिखर की तरफ ले जा रहे है राणा कपूर के दूसरे पार्टनर और संस्थापक अशोक कपूर को किस्मत ने दगा दे दिया और वे मुंबई के ताज होटल में हुए आतंकी हमले में मारे गए।

2009 में 30 हजार करोड़ की बैलेंस शीट : 2009 में येस बैंक ने वित्तीय वर्ष की जो बैलेंस शीट प्रस्तुत की वह 30 हजार करोड़ की थी। इस कारण येस बैंक को सबसे तेजी के साथ ग्रोथ करने का अवॉर्ड भी मिला।
ALSO READ: Yes Bank शाखाओं के बाहर ग्राहकों की लंबी कतार, सोशल मीडिया पर शिकायतों का अंबार
2013 में 500 शाखाओं का विस्तार : येस बैंक तेजी से ग्रोथ कर रहा था और उसने अपने बिजनैस को आगे बढ़ाने की गरज से जून 2013 में देशभर में 500 शाखाओं का और विस्तार किया। आज येस बैंक की देशभर में 1120 शाखाएं और 1450 एटीएम कार्य कर रहे हैं। इसके कर्मचारियों की संख्या 21 हजार से ज्यादा है।

2014 में 500 मिलियन डॉलर जुटाए : येस बैंक बैंकिंग क्षेत्र में एक जाना माना नाम बन चुका था। मई 2014 में बैंक ने ग्लोबल क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट के जरिए 500 मिलियन डॉलर जुटाए। इससे उसकी साख में और इजाफा हुआ।

2015 में स्टॉक एक्सचेंज में प्रवेश : मार्च 2015 में येस बैंक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी 50 में लिस्टेड हुआ। आने वाले वक्त में अच्छा मुनाफा मिलने की गरज से लोगों ने काफी शेयर खरीदे। एक समय आलम यह रहा कि येस बैंक का 1 शेयर 1400 रुपए पर पहुंच गया, लेकिन जब यह डूबा तो इसका शेयर केवल 5 रुपए का रह गया।

2015 में दुबई में पहला कार्यालय : देश में अपनी धाक जमाने के बाद येस बैंक देश से बाहर गया और उसने अप्रैल 2015 में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय कार्यालय दुबई में खोला।

2017 में जुटाए 4906 करोड़ रुपए : येस बैंक ने 2017 में क्यूआईपी के जरिए 4906 करोड़ 68 लाख रुपए जुटाए।

2018 में सेबी से मिला लाइसेंस : 2018 में येस बैंक को सिक्योरिटीज बिजनेस के कस्टोडियन के लिए सेबी से लाइसेंस मिला। सेबी ने उसे नेचुरल फंड के लिए भी मंजूरी दे दी।

2018 से आरबीआई ने शिकंजा कसा : 2018 के बाद से आरबीआई ने शिकंजा इसलिए कसना शुरू किया क्योंकि उसे महसूस हुआ कि बैंक अपनी बैलेंस शीट में गड़बड़ी कर रहा है। आरबीआई ने बैंक के चेयरमैन राणा कपूर को पद से हटा दिया। भारतीय बैंक इतिहास में यह पहला अवसर था, जब आरबीआई ने किसी चेयरमैन को हटाने के साथ ही बैंक पर कई तरह की पाबंदियां लगा दीं।

2020 में संचालक मंडल भंग : भारतीय रिजर्व बैंक ने एक बड़ा कदम उठाते हुए 5 मार्च को येस बैंक का संचालक मंडल भंग कर दिया। यही नहीं, आरबीआई ने बैंक से निकासी की सीमा एक खाताधारक के लिए 50 हजार रुपए महीना तय कर दी।

6 मार्च 2020 को राणा कपूर के घर छापा : देर रात प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने 6 मार्च की रात को येस बैंक को‍ शिखर से शून्य पर लाने वाले संस्थापक और सीईओ राणा कपूर के खिलाफ मनीलॉंड्रिंग का केस दर्ज किया। ईडी की टीम ने राणा के मुंबई के वर्ली स्थित उनके घर 'समुद्र महल' पर छापा मारा और कई दस्तावेज बरामद किए। समुद्र महल हाजी अली की दरगाह के ठीक सामने बहुमंजिला इमारत है, जहां राणा का भी फ्लैट है। इस इमारत में कई कॉर्पोरेट ऑफिस और कई कंपनियों के सीईओ के फ्लैट भी हैं।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Marathi row : बिहार आओ, पटक-पटककर मारेंगे, मराठी भाषा विवाद में BJP सांसद निशिकांत दुबे की राज ठाकरे को धमकी

Video : 15 फुट लंबे किंग कोबरा को 6 मिनट में महिला वन अधिकारी ने बचाया, वीडियो देख खड़े हो जाएंगे रोंगटे

Chirag Paswan : बिहार में NDA की परेशानी को क्यों बढ़ा रहे हैं मोदी के 'हनुमान', कानून-व्यवस्था को लेकर नीतीश पर निशाना

Bihar : पूर्णिया में एक ही परिवार के 5 सदस्यों की हत्या, 250 लोगों ने डायन बताकर परिवार को मारा

सऊदी अरब में मृत्युदंड रिकॉर्ड स्तर पर, जानिए कितने लोगों को दी फांसी

सभी देखें

नवीनतम

Chatgpt से भूलकर भी न पूछें ये 10 सवाल, हो जाएग अर्थ का अनर्थ

तमिलनाडु में दर्दनाक हादसा, ट्रेन से टकराई स्कूल बस, 3 छात्रों की मौत

इजराइल के साथ युद्ध में 1060 ईरानियों की मौत

बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश सरकार के खिलाफ एंटी-इनकंबेंसी से निपटना भाजपा के लिए चुनौती?

संरा महासभा में अफगानिस्तान पर मतदान से भारत ने क्यों बनाई दूरी?

अगला लेख