Bengaluru Water Crisis: बुकिंग करने पर चार दिनों बाद मिल रहा बेंगलुरुवासियों को पानी,टैंकर पर निर्भर जिंदगी

Webdunia
गुरुवार, 14 मार्च 2024 (12:44 IST)
बेंगलुरु से वेबदुनिया कन्‍नाड़ा संवाददाता कृष्‍णावेनी की रिपोर्ट  

Bengaluru Water Crisis: बेंगलुरु में जल संकट जिस स्‍तर पर इस बार गहराया है, वैसा पहले कभी देखने को नहीं मिला। इसे लेकर राज्‍य सरकार के माथे पर भी शिकन आ गई है। दरअसल, इस साल बेंगलुरु में सबसे कम बारिश हुई और इस वजह से ज्यादातर इलाकों में पानी का भयावह संकट गहरा गया है। स्‍थिति यह है कि निजी और सरकारी दोनों तरह के बोरवेल सूख गए हैं। प्रशासन ने ऐसे कई कामों पर रोक लगा दी है, जिसमें पानी का इस्‍तेमाल होता है। जानते हैं कैसे बेंगलुरु पानी पानी के लिए संघर्ष कर रहा है। वेबदुनिया की रिपोर्ट।

बोरवेल की अनुमति अनिवार्य : खुद राज्‍य सरकार ने घोषणा की है कि 50 प्रतिशत सरकारी बोरवेल सूख गए हैं। इसलिए सरकार ने बोरवेल खोदने के लिए मंजूरी लेना अनिवार्य कर दिया है। ऐसा नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान बना दिया है। बता दें कि आमतौर पर अप्रैल के बाद बेंगलुरु में पीने के पानी की समस्या शुरू हो जाती है। लेकिन इस साल बेंगलुरुवासियों को जनवरी से ही पानी की समस्या का सामना करना पड़ा। लोग अब पानी के टैंकर पर निर्भर हैं।

टैंकर का धंधा हुआ शुरू : पहले दिसंबर में 2000 लीटर के पानी के टैंकर के लिए 800/- रुपए प्रति टैंकर शुल्क लिया जाता था, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 2000 रुपए कर दिया गया है। यहां तक कि उनमें से कुछ लोगों ने तो टेंकर के पानी की मांग को देखते हुए यह व्यवसाय ही शुरू किया। लोगों को दरअसल, पैसा कमाने का एक रास्ता मिल गया है।

क्‍या कहते हैं आम नागरिक : बेंगलुरु के बाबुसापाल्या क्षेत्र के एक स्थानीय निवासी का कहना है, 'अगर आपको एक दिन में तुरंत पानी की जरूरत है तो आपको लगभग 500 रुपए का भुगतान करना होगा। अगर आप चार-पांच दिन तक इंतजार कर सकते हैं तो प्रति टैंकर 1,500 रुपए का भुगतान कर सकते हैं। वो भी आपको बार-बार उन्हें कॉल करना होगा और चार दिन पहले टैंकर के लिए बुकिंग करानी होगी। तभी तुम्हें पानी मिलेगा'

दिन-रात लग रही लंबी लाइनें : एक टैंकर चालक का कहना है, 'शहर में अब पानी के टैंकर की काफी मांग है। हमें रोजाना 100 टैंकर पानी की मांग मिल रही है, लेकिन जल भराव केंद्र से हमें केवल 20 टैंकर पानी ही मिल रहा है। वो भी हमें दिन-रात लंबी लाइन में लगकर इंतजार करना पड़ता है'

पानी बचाने निकल रहे घर से बाहर : कल्याण नगर की एक गृहिणी का कहना है, 'पहले हम घर पर रहते हुए रविवार को सफाई दिवस के रूप में मनाते थे। लेकिन अब हम बाहर जाएंगे, क्योंकि अगर हम घर में रहेंगे तो हमें अपने दैनिक कार्यों के लिए अधिक पानी की आवश्यकता होगी।'

एक अन्य नागरिक का कहना है, 'हम अपने क्षेत्र में जल संकट के संबंध में केआर पुरम विधायक बिरथी बसवराजू से पहले ही मिल चुके हैं। उन्होंने बोरवेल खुदवाने का आश्वासन दिया। लेकिन यह भी कहा कि अगर बोरवेल खोदने के बाद भी हमें पानी नहीं मिलेगा तो मैं असहाय हूं।'

कंपनियां खरीद रही पानी : बेंगलुरु बड़े अपार्टमेंट और आईटी सेंटर के लिए मशहूर है। लेकिन कई जगह पर पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है। कई कंपनियों को अब चार दिन के लिए 10 टैंकर पानी किराए पर लेना पड़ रहा है। इससे उनकी जेब पर मासिक खर्च अतिरिक्त खर्च हो जाता है।

कम से कम पानी का इस्‍तेमाल : बोम्मनहल्ली के एक स्थानीय निवासी जो एक विनिर्माण कंपनी में काम करते हैं, कहते हैं, 'हमें बेंगलुरु में पानी की इतनी कमी कभी नहीं हुई। कंपनी की मानव संसाधन टीम ने पानी बचाने और प्रतिदिन न्यूनतम मात्रा में पानी का उपयोग करने के लिए सख्ती से मार्गदर्शन किया।'

बेंगलुरु जल प्राधिकरण दिशानिर्देश : बेंगलुरु जल प्राधिकरण (बीडब्लूएसएसबी) ने सख्ती से कहा कि पीने के पानी या सार्वजनिक पानी का उपयोग वाहन धोने, गार्डन या किसी मनोरंजक उद्देश्य के लिए न करें। ऐसा किया तो 5 हजार रुपए जुर्माना वसूला जाएगा।

कावेरी का पानी 4 दिन में एक बार : पुराना बेंगलुरु और बेंगलुरु का कुछ शहरी क्षेत्र मुख्य रूप से कावेरी जल पर निर्भर है। इससे पहले स्थानीय लोगों को हर दो दिन में एक बार पानी उपलब्ध कराया जाता था, लेकिन अब यह घटकर चार दिन में एक बार या सप्ताह में एक बार हो गया है। इसलिए लगभग सभी क्षेत्र अब मुख्य रूप से टैंकर के पानी पर निर्भर हैं।

बेंगलुरु ग्रामीण क्षेत्र के एक निवासी का कहना है, 'हमारे क्षेत्र में कावेरी जल की सुविधा नहीं है। लेकिन हमें बीबीएमपी से एक बार कम से कम चार दिनों के लिए पानी मिलता था। लेकिन अब इतने दिन हो गए हैं कि हमें बीबीएमपी से भी पानी नहीं मिल रहा है। इसलिए हम टैंकर के पानी पर निर्भर हैं। लेकिन वह भी भारी कीमत। हम जैसे गरीब लोगों के लिए वहन करना मुश्किल है। इसलिए हमने पानी के अपने दैनिक उपयोग को प्रतिबंधित कर दिया है। रोजाना कपड़े न धोना। दिन में सिर्फ एक बार नहाना, वह भी कम से कम पानी से।'

पानी के टैंकर की सरकारी कीमतें (जीएसटी समेत)
सरकार ने चेतावनी दी है कि अगर इससे ज्यादा पैसा वसूला गया तो उचित कार्रवाई होगी। टैंकर माफियाओं पर अंकुश लगाने के लिए डीसीएम डीके शिवकुमार को टेंकर मालिकों के साथ बैठक कर रेट दर्ज करने का निर्देश दिया गया। बेंगलुरु शहर में 3000 से ज्यादा टैंकर हैं, हालांकि इनमें से सिर्फ 219 टैंकर ही रजिस्टर्ड हैं
Translated and edited by Navin Rangiyal

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