नई दिल्ली। वायुसेना पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा पर बढ़ते तनाव के मद्देनजर वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास अपने सभी प्रमुख केंद्रों पर फ्रंटलाइन लड़ाकू विमानों, हेलीकॉप्टरों तथा परिवहन बेड़े की तैनाती बढ़ा रही है। इन गतिविधियों से जुड़े लोगों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
वायुसेना ने क्षेत्र में भारत की सैन्य तैयारियों को और मजबूत करने के लिए कई अग्रिम अड्डों तक भारी सैन्य उपकरणों और हथियार पहुंचाने के लिए सी-17 ग्लोबमास्टर 3 परिवहन विमान और सी-130 जे सुपर हरक्युलिस के बेड़े को लगाया है।
उक्त लोगों ने बताया कि वायुसेना भारत और चीन के बीच 3,500 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर विभिन्न अग्रिम क्षेत्रों में सैनिकों को पहुंचाने के लिए अपने इलयुशिन-76 बेड़े का भी इस्तेमाल कर रही है।
उन्होंने कहा कि वायुसेना पहले ही लेह और श्रीनगर समेत कई प्रमुख वायुसैनिक केंद्रों पर अपने फ्रंटलाइन सुखोई 30 एमकेआई, जगुआर, मिराज 2000 विमान तैनात कर चुकी है। वायुसेना ने अनेक अग्रिम स्थानों तक सैनिकों को पहुंचाने के लिए अपाचे और चिनूक हेलीकॉप्टरों को भी लगाया है।
लद्दाख और अन्य क्षेत्रों में वायुसेना की बढ़ती गतिविधियों के बारे में पूछे जाने पर एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम किसी भी हालात से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
पिछले महीने एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने लद्दाख और श्रीनगर वायु सैनिक अड्डों का दौरा किया था और क्षेत्र में किसी भी विपरीत परिस्थिति से निपटने की भारतीय वायुसेना की तैयारियों का जायजा लिया था।
भारत और चीन की सेनाओं के बीच पिछले सात सप्ताह से पूर्वी लद्दाख में अनेक स्थानों पर गतिरोध की स्थिति बनी हुई है।
गलवान घाटी में 15 जून को हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिकों के शहीद होने के बाद चीन के साथ भारत का तनाव और अधिक बढ़ गया। चीन के भी सैनिक इस दौरान हताहत हुए लेकिन उसने इस बारे में अभी तक ब्योरा नहीं दिया है।(फाइल फोटो)