आईबी अधिकारी की पत्नी बोलीं, कार्रवाई ऐसी हो कि फिर किसी का सिंदूर न उजड़े और कोई अनाथ न हो

जया ने कहा कि आतंकवादियों को कोर्ट ट्रायल का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए बल्कि सीधे गोली मार दी जानी चाहिए, जैसे मेरे पति को मारी गई थी।

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
बुधवार, 7 मई 2025 (16:34 IST)
Operation sindoor : पहलगाम आतंकवादी हमले में मारे गए आसूचना ब्यूरो (IB) के अधिकारी मनीष रंजन की पत्नी जया मिश्रा ने भारत द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK)  में किए गए मिसाइल हमलों को जरूरी कदम बताया और साथ ही कहा कि कार्रवाई ऐसी हो कि फिर किसी का सिंदूर न उजड़े और कोई बच्चा अनाथ न हो।
 
उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई बहुत पहले हो जानी चाहिए थी। जया ने अपने पति को शहीद का दर्जा दिए जाने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि मैं चाहती हूं कि मेरे पति को शहीद का दर्जा मिले। यह अवश्य मिलना चाहिए। अपने पति की मौत के मातम में डूबी जया ने कहा कि सरकार को ऐसी कार्रवाई करनी चाहिए ताकि फिर किसी का सिंदूर न उजड़े और फिर किसी के बच्चे अनाथ न हों।
 
पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में स्थित झालदा शहर से फोन पर बातचीत में जया ने बुधवार को पीटीआई-भाषा से कहा कि यह कार्रवाई (मिसाइल हमले की) बिल्कुल होनी चाहिए थी। जरूरी था। मैं तो चाहती हूं कि पूरा पाकिस्तान ही तबाह हो जाए। हमारे घर में जो आतंकवादी छुपे हैं, उन पर भी कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। चाहे वह कश्मीर में छिपे हों या देश के दूसरे कोनों में। उनका खात्मा होना चाहिए।ALSO READ: कहां छिपा है पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड गुल, TRF सरगना का और भी है नाम
 
यह पूछे जाने पर कि सशस्त्र बलों की आज की कार्रवाई से उन्हें कुछ सुकून तो मिला होगा, जया ने कहा कि सुकून तो अब मिलने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ तसल्ली जरूर मिलेगी। आतंकवाद का समर्थन करने वाले और आतंकवादियों को पनाह देने वाले हर शख्स को चुन-चुनकर मारा जाए, चाहे वह कोई हिन्दुस्तानी हो या पाकिस्तानी।
 
पाकिस्तान तो तबाह हो जाएगा और अपनी मौत मारा जाएगा : जया ने कहा कि पाकिस्तान तो तबाह हो जाएगा और अपनी मौत मारा जाएगा लेकिन सीमा पार के आतंकवादियों से कहीं ज्यादा खतरा उन लोगों से है जो अपने ही देश में छुपे हुए हैं। उन्होंने कहा कि उनका खात्मा जरूरी है। यह पूछे जाने पर कि वह सरकार से और क्या चाहती हैं, जया ने कहा कि एक बात जरूर कहना चाहती हूं कि आने वाली पीढ़ी को यह सब न सहना पड़े। ऐसे हमलों में किसी का सिंदूर न उजड़े, कोई बच्चा अनाथ न हो।
 
मनीष रंजन हैदराबाद में आईबी के सेक्शन ऑफिसर के पद पर तैनात थे और पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले में मारे गए थे। उनके अलावा इस हमले में और 25 लोग मारे गए थे। मनीष रंजन अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ छुट्टियों में दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में मिनी स्विट्जरलैंड के नाम से मशहूर प्रमुख पर्यटन स्थल बैसरन की वादियों में घूमने गए थे।
 
मूल रूप से बिहार के रहने वाले मनीष रंजन का अंतिम संस्कार झालदा में किया गया था। बड़ी संख्या में लोगों ने उन्हें नम आंखों से अंतिम विदाई दी थी। पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेते हुए भारतीय सशस्त्र बलों ने सख्त जवाबी कार्रवाई में मंगलवार देर रात पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए जिनमें आतंकवादी समूहों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के गढ़ भी शामिल हैं।ALSO READ: राहुल गांधी ने की पहलगाम में मारे गए विनय नरवाल के परिजनों से मुलाकात, परिवार को दी सांत्वना
 
इस अभियान को ऑपरेशन सिंदूर नाम दिए जाने के बारे में पूछे जाने पर भावुक जया ने कहा कि जब मेरा ही सिंदूर उजड़ गया तो फिर इसका क्या? यह सारी चीजें पहले ही हो जानी चाहिए थीं। इसी बात का तो बहुत ज्यादा गुस्सा है...ऑपरेशन सिंदूर हो या कुछ और। मेरा सिंदूर तो वापस नहीं आएगा। जया ने कहा कि उन्हें इस बात का बहुत कष्ट है कि सरकार ऐसी कार्रवाई पहले क्यों नहीं करती और क्यों लोगों के मारे जाने का इंतजार करती है?
 
उन्होंने कहा कि सरकार को सब कुछ पता होता है। कौन-कौन से आतंकवादी संगठन हैं और कौन-कौन लोग उनके कमांडर या प्रमुख हैं। तो फिर लोगों के मारे जाने का इंतजार क्यों किया जाता है? इतने सारे लोग चले गए तब जाकर आप ऑपरेशन कर रहे हैं। क्या फायदा ऐसी कार्रवाई का? पहले ही कार्रवाई कीजिए। मरने का इंतजार क्यों?
 
आतंकवादियों को सीधे गोली मार दी जानी चाहिए : जया ने कहा कि आतंकवादियों को कोर्ट ट्रायल का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए बल्कि सीधे गोली मार दी जानी चाहिए, जैसे मेरे पति को मारी गई थी। पहलगाम हमले में जया और बच्चों के सामने ही आतंकवादियों ने मनीष रंजन की हत्या की थी। जया ने 22 अप्रैल की घटना को याद करते हुए कहा कि मनीष को गोली लगने के बाद वह अपने बच्चों की जान बचाने के लिए 10-11 किलोमीटर तक भागती रहीं लेकिन उन्हें कोई भी सुरक्षाकर्मी नहीं मिला।ALSO READ: पहलगाम हमले के बाद BSF ने पाकिस्तानी रेंजर को पकड़ा
 
पहलगाम की घटना के बाद पहली बार मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि मुझे ठीक से याद नहीं है लेकिन करीब 10-11 किलोमीटर भागी थी बच्चों को लेकर। लेकिन कोई बचाने नहीं आया। लगातार गोलियां चल रही थीं। मैं जंगलों में भाग रही थी बच्चों को लेकर, इस उम्मीद में कि कोई तो बचाने आएगा। उन्होंने कहा कि बहुत गुस्सा भी आ रहा था। नीचे पहुंचीं तो लोगों ने बताया कि वे भारतीय सेना से हैं। पहलगाम हमले के बाद जया का एक वीडियो बहुत वायरल हुआ था जिसमें वह कहती सुनी जा रही हैं कि मेरे बच्चों को मत मारो। इसी दौरान सेना का एक जवान यह कहता है कि वह इंडियन आर्मी से है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

जाति आरक्षण Train Compartment जैसा, जो लोग इसमें चढ़ गए.... सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत की तीखी टिप्पणी

कौन हैं शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती, विवादित बयानों के चलते रहते हैं चर्चा में

चीन का पाकिस्तान को खुला समर्थन, पाक-चीन की 'फौलादी दोस्ती' से भारत को चुनौती

वॉर मॉक ड्रिल में क्या है हवाई हमले वाले सायरन बजाने के पीछे की मंशा, सायरन सुनते ही क्या करें?

Free में होगा रोड एक्सीडेंट के घायलों का इलाज, मोदी सरकार की नई स्कीम

सभी देखें

नवीनतम

Operation sindoor के तहत BKU ने अपने सभी आंदोलन किए स्थगित

बठिंडा में अज्ञात लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त, एक मौत, 9 घायल, क्‍या है Operation Sindoor से कनेक्‍शन

ऑपरेशन सिंदूर के बाद NSA अजीत डोभाल की पाकिस्तान को चेतावनी

अखिलेश बोले, आतंकवाद की जड़ पर हमला करना होगा, टहनियां अपने आप सूख जाएंगी

भारत को आतंकवाद के खात्मे तक ICC प्रतियोगिताओं में भी पाकिस्तान से नहीं खेलना चाहिए: गंभीर

अगला लेख