Mahant Narendra Giri News : महंत की मौत का गहराता रहस्य? क्या बाघम्बरी मठ की अरबों की संपत्ति थी नरेन्द्र गिरि और आनंद गिरि के बीच विवाद का कारण?

Webdunia
मंगलवार, 21 सितम्बर 2021 (18:35 IST)
प्रयागराज। महंत नरेन्द्र गिरि की मौत का रहस्य गहराता जा रहा है। पुलिस हर एंगल से जांच में जुटी है। इस मामले में नरेन्द्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि को गिरफ्तार किया गया है।

बाघम्बरी गद्दी मठ की अरबों रुपए की संपत्ति को लेकर भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेन्द्र गिरि और शिष्य आनंद गिरि के बीच विवाद इसी साल खुलकर सामने आया था। दरअसल, बाघम्बरी गद्दी मठ की अरबों रुपए की संपत्ति प्रयागराज में है।
ALSO READ: mahant narendra giri news : 13 सितंबर को ही आत्महत्या करना चाहते थे महंत नरेन्द्र गिरि, और क्या लिखा है 8 पन्ने के सुसाइड नोट में?
इसके अलावा नोएडा में भी मठ की कई एकड़ जमीन बताई जाती है। इसके अलावा मठ और संगम स्थित हनुमान मंदिर से भी करोड़ रुपए की आय होती है। आनंद गिरी ने आरोप लगाया था कि महंत नरेन्द्र गिरि चढ़ावे के पैसे अपने परिवार पर खर्च करते थे।

दोनों के बीच हालांकि संपत्ति विवाद को लेकर काफी समय से अनबन चल रही थी। मामला तूल उस समय पकड़ा जब मई में हरिद्वार कुंभ में आनंद गिरि पर संत परंपरा का निर्वहन ठीक से न करने और अपने परिवार से संबंध बनाए रखने का आरोप लगा था।

इसके बाद उन्हें अखाड़े से निष्कासित कर दिया गया था। आनंद गिरी पर परिवार को साथ रखने का आरोप लगाया गया। संत परंपरा में परिवार को साथ रखना वर्जित है। महंत नरेंद्र गिरी ने कहा था कि उन्होंने बाघंबरी गद्दी की 8 बीघा जमीन बेची थी और उसका हिसाब कोर्ट को दे दिया है जबकि निष्कासन से नाराज गिरी के प्रमुख शिष्य आनंद गिरि ने आरोप लगाया था कि 2012 में नरेंद्र गिरि ने गद्दी की 8 बीघा जमीन सपा के तत्कालीन विधायक को 40 करोड़ रुपए में बेच दी थी। यह जमीन प्रयागराज के अल्लापुर इलाके में है।

आज वहां बिल्डरों ने फ्लैट खड़े कर दिए हैं। इसका विरोध करने के कारण ही उन्हे निष्कासित किया गया। गौरतलब है कि पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के सचिव और बाघंबरी गद्दी मठ के महंत नरेंद्र गिरि को सर्वसम्मति से पहली बार मार्च 2015 में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद का अध्यक्ष चुना गया था जबकि बारा उन्हें अक्टूबर 2019 में अध्यक्ष चुना गया था।

देश में कुल 13 अखाड़े हैं। वर्ष 1954 में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की स्थापना हुई थी। अखाड़ा परिषद ही महामंडलेश्वर और बाबाओं को प्रमाण-पत्र देती है। कुंभ और अर्द्धकुंभ मेले में कौन अखाड़ा कब और किस समय स्नान करेगा यह अखाड़ा परिषद ही तय करती है।
ALSO READ: SIT करेगी महंत नरेन्द्र गिरि की मौत की जांच, क्या सीडी से किया जा रहा था ब्लैकमेल?
निरंजनी अखाड़े की स्थापना करीब 900 साल पहले हुई थी जबकि बाघंबरी गद्दी 300 साल पुरानी है। निरंजनी अखाड़ा की स्थापना गुजरात के मांडवी में हुई थी, जहां पर महंत अजि गिरि, मौनी सरजूनाथ गिरि, पुरुषोत्तम गिरि, हरिशंकर गिरि, रणछोर भारती, जगजीवन भारती, अर्जुन भारती, जगन्नाथ पुरी, स्वभाव पुरी, कैलाश पुरी, खड्ग नारायण पुरी, स्वभाव पुरी ने मिलकर अखाड़ा की नींव रखी।

हालांकि इसका मुख्यालय प्रयागराज में है वहीं उज्जैन, हरिद्वार, त्रयंबकेश्वर और उदयपुर में भी अखाड़े ने अपने आश्रम बना रखे हैं। शैव परंपरा के निरंजनी अखाड़े के करीब 70 प्रतिशत साधु-संतों ने उच्च शिक्षा प्राप्त की है। इनमें से कुछ डॉक्टर, कुछ वकील, प्रोफेसर, संस्कृत के विद्वान और आचार्य शामिल हैं। वर्तमान समय में लगभग निरंजनी अखाड़ा में 33 महामंडलेश्वर, 1000 के करीब साधु और 10 हजार नागा शामिल हैं। (इनपुट वार्ता)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख