लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस समारोह की झलकियां

Webdunia
सोमवार, 15 अगस्त 2016 (18:08 IST)
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को देश के 70वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर तालियों की गड़गड़ाहट के बीच ऐतिहासिक लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया। 17वीं सदी के मुगलकालीन स्मारक पर स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान की झलकियां कुछ इस तरह रहीं-
सुबह 7.23 बजे प्रधानमंत्री का काफिला जैसे ही वहां पहुंचा, हजारों आम लोगों और स्कूली बच्चों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ अपने नेता की एक झलक पाने की कोशिश की। मोदी ने अपनी कार से उतरकर हाथ हिलाकर भीड़ का अभिवादन स्वीकार किया।
 
लाल किले के लाहौरी गेट पर रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर और रक्षा राज्यमंत्री राव सुभाष रामराव भामरे ने रक्षा सचिव जी. मोहन कुमार के साथ मोदी की अगवानी की। इसके बाद प्रधानमंत्री दिल्ली क्षेत्र के जनरल ऑफिसर कमांडिंग के साथ आगे बढ़े, जहां सेना और पुलिस के जवानों ने प्रधानमंत्री को सलामी दी।
 
उसके बाद मोदी ने सलामी गारद की टुकड़ी का निरीक्षण किया जिसमें सेना, नौसेना, वायुसेना और दिल्ली पुलिस के 1-1 अधिकारी और 24-24 जवान शामिल थे। गारद के लिए सेना की टुकड़ी 8वीं जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फेंट्री (सियाचिन) से होती है।
 
प्रधानमंत्री इसके बाद लाल किले की प्राचीर पर पहुंचे और ठीक सुबह 7.30 बजे तिरंगा फहराया। तिरंगा फहराने के साथ 21 तोपों की सलामी दी गई जिन्हें 2281 फील्ड रेजीमेंट (सेरेमनियल) के तोपचियों ने दागा। वायुसेना के बैंड ने राष्ट्रगान बजाया वहीं राष्ट्रीय गारद ने ‘राष्ट्रीय सलामी’ दी।
 
राष्ट्रीय फ्लैग गार्ड के लिए सेना की टुकड़ी जाट रेजीमेंट की 11वीं बटालियन से होती है। यह वीरतापूर्ण इतिहास वाली 52 साल पुरानी बटालियन है। प्रधानमंत्री ने उसके बाद राष्ट्र को संबोधित करते हुए 90 मिनट का भाषण दिया और लगातार तीसरे साल बुलेटरोधी कांच का इस्तेमाल नहीं किया गया।
 
समारोह में शामिल होने और प्रधानमंत्री का भाषण सुनने के लिए सुबह 5 बजे से ही सभी वर्गों के लोग कतार में लगे थे। समारोह स्थल पर आम जनता के लिए करीब 10,000 सीटें थीं और वे सुबह 7 बजे तक भर गईं। 
 
सुरक्षाकर्मियों को उत्साहित भीड़ को संभालने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। पुलिस के मुताबिक करीब 40,000 जवान समारोह में सुरक्षा और प्रबंधन संभाल रहे थे। आयोजन स्थल पर कुल 22,000 लोगों के बैठने की व्यवस्था थी जिनमें 2,000 वीवीआईपी और वीआईपी के लिए थीं। 9,000 सीटें स्कूली बच्चों के लिए और 10,000 सीटें आम जनता के लिए थीं।
 
मोदी के पूरे भाषण के दौरान लोग उत्साह से ताली बजाते रहे। प्रधानमंत्री का भाषण समाप्त होने के बाद तिरंगे गुब्बारे हवा में छोड़े गए। जब मोदी का काफिला समारोह स्थल से रवाना हो रहा था तो बच्चों ने अपनी टोपियां और स्कार्फ लहराकर उनका अभिवादन किया। प्रधानमंत्री ने पिछले साल की तरह अपनी कार रुकवाई और बच्चों से मिलने गए। उन्होंने कुछ बच्चों से हाथ भी मिलाया। बच्चों ने अपना उत्साह और देशभक्ति की भावना को प्रदर्शित करते हुए समारोह के शुरू में और समापन पर राष्ट्रगान गाया।
 
दिल्ली के विभिन्न स्कूलों से राष्ट्रीय कैडेट कोर के 700 कैडेट ने भी इस बार ध्वजारोहण समारोह में भाग लिया। उन्होंने स्कूली बच्चों के साथ राष्ट्रगान गाया और देशभक्ति के गीत गाए।
 
समारोह में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अपनी पत्नी गुरशरण कौर के साथ, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, वित्तमंत्री अरुण जेटली, केंद्रीय खाद्य और जन आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आदि वीवीआईपी शामिल हुए। (भाषा)
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