'ड्रैगन' की धमकी के बावजूद भारत की 'दहाड़' जारी

Webdunia
शनिवार, 25 अक्टूबर 2014 (10:37 IST)
नई दिल्ली। सीमावर्ती क्षेत्रों में विकास कार्यों पर चीन की आपत्तियों की परवाह किए बिना भारत सरकार ने शुक्रवार को 54 नई सीमा चौकियां बनाने और अरूणाचल प्रदेश में सीमा के निकट ढांचागत निर्माण के लिए 175 करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा की। इसके अलावा केंद्र सरकार सीमा पर मानवरहि‍त ड्रोन विमानों से निगरानी रखने पर भी विचार कर रही है। इसमें चीन और पाकिस्‍तान दोनों देशों से लगती सीमाएं शामिल होंगी।
 
केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत चीन के साथ बातचीत के जरिए सीमा संबंधी सभी विवादों को सुलझाना चाहता है लेकिन ‘असम्मान नहीं बल्कि सम्मान’ के साथ।
 
उन्होंने कहा, ‘आज सीमा के बारे में, चाहे वह पाकिस्तान से लगती सीमा हो चीन से, पाकिस्तान द्वारा संघर्ष विराम का उल्लंघन करने और चीन की ओर से घुसपैठ की खबरों से मुझे दुख होता है और चोट पहुंचती है।’ भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल (आईटीबीपी) के 53 वें स्थापना दिवस के अवसर पर यहां आयोजित एक समारोह में उन्होंने यह बात कही। यह बल लद्दाख से अरूणाचल प्रदेश के साथ लगी 3488 किलोमीटर सीमा की निगरानी करता है।
 
सिंह ने चीन के साथ हाल की सीमा विवाद संबंधी घटनाओं के संदर्भ में कहा, ‘हम लोग शांति चाहते हैं सम्मान के साथ। असम्मान के साथ शांति नहीं हो सकती।’ उन्होंने कहा, ‘सम्मान मानव जाति की परम उपलब्धि है, मेरे और आपके (सम्मान) की।’ इस अवसर पर उन्होंने घोषणा की कि सरकार आईटीबीपी के लिए 54 सीमावर्ती चौकियां बनाने की योजना पर काम कर रही है और साथ ही अरूणाचल प्रदेश में सीमा के निकट ढांचागत निर्माण के लिए 175 करोड़ रूपयों के पैकेज पर भी विचार कर रही है।
 
राजनाथ सिंह ने कहा कि ये सभी चौकियां अरूणाचल प्रदेश में बनाई जाएंगी जहां वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अभी चौकियों के बीच काफी फासला है। चीन द्वारा वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास ढांचागत विकास और सीमा चौकियां बनाए जाने को लेकर की जा रही आपत्तियों को देखते हुए गृह मंत्री का यह बयान महत्वपूर्ण माना जा रहा है। भारत की इस पहल से चीन के साथ कुछ गतिरोध भी पैदा हुए और उनमें से एक चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की भारत यात्रा के दौरान में देखने को मिला।
 
सिंह ने यह भी कहा कि सरकार आईटीबीपी की उसे पूरी तरह उसकी हवाई प्रणाली उपलब्ध कराने की मांग पर भी विचार कर रही है।
 
उन्होंने हालांकि कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्पष्ट किया है कि भारत अपने सभी पड़ोसी देशों के साथ शांतिपूर्ण रिश्ते चाहता है। उन्होंने कहा, ‘हमारे प्रधानमंत्री ने चीन के राष्ट्रपति से कहा है कि यदि कोई विवाद है तो हमें वार्ता करनी चाहिए।’ समारोह के बाद संवाददाताओं से बातचीत के दौरान उन्होंने चीन द्वारा वास्तविक नियंत्रण रेखा के समीप हवाई पट्टी बनाने और रडार लगाने संबंधी प्रश्नों का सीधा जवाब देने बचते हुए कहा, ‘सीमा विवाद से जुड़े सभी मुद्दों का वार्ता के जरिए समाधान किया जाएगा।’ पाकिस्तान के संदर्भ में सिंह ने कहा कि इस पड़ोसी देश को सीमा चौकियों और नागरिक क्षेत्रों पर फायरिंग बंद करनी चाहिए।
 
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने दीपावली से एक दिन पहले भी जम्मू और कश्मीर की सीमा से लगे नागरिक इलाकों पर गोलीबारी की।
 
ऐसी घटनाओं पर उन्होंने कहा, पाकिस्तान द्वारा संघषर्विराम के उल्लंघन और चीन की ओर से सीमा विवाद पैदा किए जाने पर ‘हम आहत और दुख’ महसूस करते हैं। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान ने दीपावली की पूर्व संध्या पर भी नागरिकों पर फायरिंग की और त्यौहार तक का सम्मान नहीं किया। पाकिस्तान को इससे बचना चाहिए। मैं पाकिस्तान से कहना चाहता हूं कि वह संघषर्विराम का लगातार उल्लंघन बंद करे।' (भाषा)
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