भारत-चीन विवाद : अनंतनाग में आपात लैंडिंग रनवे की तैयारी, दहशत में लोग

सुरेश एस डुग्गर
बुधवार, 3 जून 2020 (15:42 IST)
जम्मू। भारत सरकार द्वारा पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना की अच्छी-खासी संख्या में घुसपैठ की स्वीकारोक्ति के बाद चीनी सेना द्वारा एलएसी पर किए जाने वाले युद्धाभ्यास से माहौल दहशतजदा हो गया है। इसमें वे खबरें और भयानकता का तड़का लगा रही हैं, जिसमें बताया जा रहा है कि भारतीय वायुसेना अनंतनाग में नेशनल हाईवे के किनारे साढ़े तीन किमी लंबे आपातकालीन लैंडिंग रनवे को रात दिन एक करके तैयार करने में जुटी है।
 
अभी तक लद्दाख में गलवान नदी क्षेत्र और पैंगोंग झील के 5 फिंगर इलाके में चीनी सैनिकों की मौजूदगी को कम करके बताया जा रहा था। पर अब रक्षामंत्री और सेना मानती है कि इन सैनिकों की संख्या 5 हजार से भी अधिक हो सकती है जिनके पास टैंक, तोपखानों के अतिरिक्त एयर स्पोर्ट भी है। सैनिक साजोसामान की पुष्टि पिछले एक हफ्ते से एलएसी पर चीनी सेना द्वारा किए जा रहे युद्धाभ्यास से भी हो चुकी है।
 
चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच करीब एक महीने से जारी गतिरोध के बीच अब यह मान लिया गया है कि चीन पूर्वी लद्दाख में बड़े पैमाने पर घुसपैठ कर रहा है। चीन का आधिकारिक दृष्टिकोण और नीति को प्रचारित करने वाले ग्लोबल टाइम्स पेपर ने भी बुधवार के संस्करण में लिखा है कि लद्दाख सीमा पर युद्धाभ्यास हाल ही में आयोजित किए गए थे और सीसीटीवी द्वारा प्रसारित किए गए थे। उसमें कहा गया है कि चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की तिब्बत मिलिट्री कमांड ने हाल ही में युद्धाभ्यास के लिए 4,700 मीटर की ऊंचाई पर सैनिकों को भेजा था और कठोर वातावरण में उनकी लड़ाकू क्षमता का परीक्षण किया।
 
रक्षाधिकारी बताते हैं कि चीनी सेना के युद्धाभ्यास में चीनी वायुसेना भी शामिल थी। हालांकि भारतीय अधिकारी कहते थे कि चीनी लड़ाकू विमान 30 से 35 किमी पीछे से उड़ानें भर रहे थे और उनको टक्कर देने के लिए भारतीय वायुसेना की ओर से मिराज तथा सुखाई विमान गश्त कर रहे हैं। टोही विमानों का भी इस्तेमाल दोनों ओर से लगातार किए जाने के कारण दोनों सेनाओं के बीच टकराव अवश्यंभावी माना जा रहा है।
 
लद्दाख सीमा पर बनी हुई युद्ध की परिस्थितियों के बीच कश्मीर के अनंतनाग जिले से मिलने वाली खबर माहौल को और दहशतजदा करती थी जिसमें बताया गया है कि वायुसेना ने अनंतनाग-श्रीनगर हाइवे पर करीब 3.5 किमी लंबा आपातकालीन रनवे तैयार करना आरंभ किया है। इस पर पिछले हफ्ते ही कार्य आरंभ किया गया था।
 
हालांकि नेशनल हाइवे के साथ चलने वाले इस सामांतर आपातकालीन लैंडिंग रनवे के प्रति आधिकारिक तौर पर खामोशी अख्तियार की गई है, लेकिन सूत्रों का कहना था कि इस रनवे की आवश्यकता बड़े लड़ाकू विमानों को चीन सीमा तक उड़ान भरने और वहां से वापसी पर लैंडिंग के लिए तैयार किया जा रहा है।
 
एक वायुसेना अधिकारी के मुताबिक, इस हवाई पट्टी का लद्दाख विवाद से कोई लेना देना नहीं है। उसका कहना था कि इसे बनाने का फैसला पिछले साल जून में लिया गया था। इस आपातकालीन हवाई पट्टी के प्रति आधिकारिक तौर पर चाहे कुछ भी कहा जा रहा है पर सच्चाई यही है कि लद्दाख सीमा पर मंडराते युद्ध के बादलों के बीच इस हवाई पट्टी के कार्य में आई बिजली सी तेजी ने माहौल को दहशतजदा कर दिया है।

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