हम चीन के साथ रिश्ते क्यों सामान्य कर रहे, PM मोदी से कांग्रेस ने पूछा सवाल

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
बुधवार, 2 अप्रैल 2025 (22:45 IST)
कांग्रेस ने भारत और चीन के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 75 साल पूरे होने का जश्न मनाने को लेकर मोदी सरकार पर बुधवार को निशाना साधा। पार्टी ने आरोप लगाया कि यह जश्न इस बात का स्पष्ट संकेत है कि मोदी सरकार ने ‘‘दशकों में भारतीय क्षेत्र के सबसे बड़े नुकसान को स्वीकार करने और सैन्य वापसी की आड़ में लद्दाख में 2,000 वर्ग किलोमीटर से अधिक भूमि त्याग देने का फैसला किया है।’’
 
कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को देश के लोगों को विश्वास में लेना चाहिए और बताना चाहिए कि वह चीन के साथ संबंध सामान्य क्यों कर रहे हैं।
 
रमेश ने कहा कि चीन को लेकर प्रधानमंत्री के रुख में एक निरंतरता है, जो गलवान घाटी में झड़प के बाद बीजिंग को उनकी ‘‘क्लीन चिट’’ से शुरू हुई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार भारत-चीन समझौते को लेकर व्यापक चिंताओं को दूर करने में विफल रही है, जो ‘‘भारत की क्षेत्रीय अखंडता और राष्ट्रीय हित के लिए एक बड़ा झटका’’ है।
 
कांग्रेस नेता ने कहा कि हम अपनी मांग दोहराते हैं कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय महत्व के इस मुद्दे पर लोगों को विश्वास में लें और बताएं कि हम चीन के साथ संबंधों को सामान्य क्यों कर रहे हैं और उस पर अपनी आर्थिक निर्भरता क्यों बढ़ा रहे हैं, जबकि हमारी क्षेत्रीय अखंडता के साथ इतना गंभीर समझौता किया जा रहा है।’’
 
उन्होंने कहा कि कल (मंगलवार को) विदेश सचिव विक्रम मिसरी और चीनी राजदूत जू फेइहोंग ने भारत-चीन के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 75 साल पूरे होने का जश्न मनाने के लिए संयुक्त रूप से केक काटा, जबकि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री मोदी ने अपने-अपने चीनी समकक्षों शी चिनफिंग और ली क्विंग के साथ शुभकामनाओं का आदान-प्रदान किया।
 
रमेश ने कहा कि यह इस बात का स्पष्ट संकेत है कि मोदी सरकार ने दशकों में भारतीय क्षेत्र के सबसे बड़े नुकसान को स्वीकार करने का फैसला किया है और सैन्य वापसी की आड़ में लद्दाख में 2,000 वर्ग किलोमीटर से अधिक भूमि त्याग दी है।’’
 
उन्होंने कहा कि चीन के प्रति प्रधानमंत्री के ढुलमुल रवैये में एक निरंतरता है। इसकी शुरुआत चीन को उनकी तरफ से सार्वजनिक तौर पर दी गई ‘क्लीन चिट’ से हुई, जब उन्होंने 15 जून 2020 को गलवान घाटी में हमारे 20 बहादुर सैनिकों के सर्वोच्च बलिदान देने के महज चार दिन बाद टेलीविजन पर कहा कि न कोई हमारी सीमा में घुस आया है, न ही कोई घुसा हुआ है।’’
 
रमेश ने आरोप लगाया कि यह रुख आज भी जारी है और मोदी सरकार चीन के साथ रिश्ते सामान्य करते हुए हमारी संप्रभुता की रक्षा करने में विफल रही है। 21 अक्टूबर 2024 को सैन्य वापसी से जुड़े समझौते पर हस्ताक्षर करने के चार महीने से अधिक समय बाद, भारत सरकार व्यापक चिंताओं को दूर करने में विफल रही है कि यह समझौता भारत की क्षेत्रीय अखंडता और राष्ट्रीय हित के लिए एक बड़ा झटका है।’’
ALSO READ: Waqf Amendment Bill : कानून सबको स्वीकार करना पड़ेगा, वक्फ बोर्ड कैसे करेगा काम, अमित शाह ने लोकसभा में समझाया
उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने क्षेत्रीय दावे के संकेत के रूप में गश्त के विचार को कमजोर कर दिया है। कांग्रेस नेता ने दावा किया कि आज भारतीय गश्ती दल को रणनीतिक रूप से अहम देपसांग में पांच जगहों (गश्त बिंदु 10, 11, 11ए, 12 और 13) तक पहुंचने के लिए चीनी सहमति की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि डेमचोक और चुमार में भी गश्त के लिए चीनी सहमति की जरूरत है।
 
रमेश ने कहा कि गलवान में भारतीय सैनिकों को जिस ‘बफर जोन’ में प्रवेश करने से रोका जाता है, वह भारत के दावे वाली रेखा के एक किलोमीटर अंदर स्थापित किया गया है। इसका मतलब है कि चीनी सैनिक हमारी ‘क्लेम लाइन’ के करीब तैनात हैं, जबकि भारतीय सैनिक 2.4 किलोमीटर से अधिक की दूरी पर हैं।
 
उन्होंने कहा, ‘‘हॉट स्प्रिंग में ‘बफर जोन’ ने वास्तव में एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) को भारत के दावे वाली रेखा से 1-3 किलोमीटर अंदर स्थानांतरित कर दिया है। पैंगोंग त्सो में ‘बफर जोन’ हमारे सैनिकों को ‘फिंगर 3’ से आगे जाने से रोकता है, जबकि पहले वे 10 किलोमीटर आगे ‘फिंगर 8’ तक जा सकते थे।’’
 
कांग्रेस नेता ने कहा कि यह अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति के कहीं भी करीब नहीं है, जिसे बनाए रखने की हमारे सशस्त्र बल और रक्षा प्रतिष्ठान लगातार मांग करते हैं। उन्होंने दावा किया, ‘‘इसके बजाय, यह अप्रैल 2020 से पहले की हमारी स्थिति की तुलना में भारत के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रीय नुकसान को दर्शाता है।’’
 
रमेश ने कहा, ‘‘हमारी संप्रभुता पर चीन के आक्रमण के बावजूद चीन पर हमारी आर्थिक निर्भरता बढ़ती जा रही है। चीनी आयात 100 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक हो गया है तथा 2024-25 में इसमें और वृद्धि होने की संभावना है। चीन के मुकाबले हमारा व्यापार घाटा भी रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है...।’’
ALSO READ: Weather Update : कर्नाटक में गर्मी का खौफ, राजस्थान में बारिश का अलर्ट, दिल्ली में खराब हुई हवा
विदेश सचिव मिसरी ने मंगलवार को कहा कि भारत और चीन ने पिछले पांच महीनों में अपने संबंधों को सुधारने के लिए ‘‘आशाजनक’’ शुरुआत की है और संबंधों के पुनर्निर्माण का ‘‘टिकाऊ आधार’’ आपसी सम्मान, आपसी संवेदनशीलता ए‍वं आपसी हित के त्रिस्तरीय फॉर्मूले पर टिका हुआ है। भाषा

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

कांवड़ यात्रा को बदनाम करने की कोशिश, CM योगी ने उपद्रवियों को दी चेतावनी

समुद्र में आग का गोला बना जहाज, 300 से ज्यादा यात्री थे सवार, रोंगटे खड़े कर देगा VIDEO

महंगा पड़ा कोल्डप्ले कॉन्सर्ट में HR मैनेजर को गले लगाना, एस्ट्रोनॉमर के CEO का इस्तीफा

संसद के मानसून सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक, बिहार में SIR पर विपक्ष ने उठाए सवाल

24 कंपनियों ने जुटाए 45,000 करोड़, IPO बाजार के लिए कैसे रहे 2025 के पहले 6 माह?

सभी देखें

नवीनतम

Maharashtra विधानसभा में रमी खेलते हुए पकड़े गए महाराष्‍ट्र के कृषि मंत्री, वायरल वीडियो के बाद देने लगे सफाई

जल्द ही बच्चों का होगा Biometric Update, UIDAI कर रहा परियोजना पर काम

समुद्र में आग का गोला बना जहाज, 300 से ज्यादा यात्री थे सवार, रोंगटे खड़े कर देगा VIDEO

शहरी गैस कंपनियों पर कसा शिकंजा, एक समान रेट पर मिलेगी पाइपलाइन से रसोई गैस

उत्तराखंड का निवेश उत्सव एक्स पर पहले नंबर हुआ ट्रेंड, सोशल मीडिया यूसर्ज ने CM धामी को बताया कुशल प्रशासक

अगला लेख