भुवनेश्वर। भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और उड़ीसा कृषि व प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (ओयूएटी) ने धान के पुआल से जैव ईंधन बनाने के लिए रविवार को एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पेट्रोलियम कंपनी ने ओयूएटी को जैव-रासायनिक एंजाइमिक प्रक्रिया से धान के पुआल से बायो ईंधन बनाने के लिए पांच करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की है। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और राज्य के प्रधान सचिव (कृषि) सौरभ गर्ग की उपस्थिति में यहां एक कार्यक्रम के दौरान करार पर हस्ताक्षर किए गए। अधिकारी ने कहा कि वर्तमान में, राज्य में सालाना 85 लाख टन धान और करीब 100 लाख टन पुआल कर पैदावार होती है।
बीपीसीएल ने बयान में कहा कि राज्य में वृहद स्तर पर धन उत्पादन होना पुआल आधारित जैव ईंधन को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त अवसर प्रदान करता है। कुल आवंटित बजट में 3 करोड़ रुपए जैव-ईंधन उत्पादन की तकनीक की लोकप्रियता, स्थापना और शोध की प्रासंगिकता पर खर्च किए जाएंगे। (भाषा)