भारत एक और बड़ी उपलब्धि हासिल करेगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) 15 जुलाई को तड़के 2.51 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन सेंटर से चंद्रयान-2 को लॉन्च करेगा। खास बात यह है कि चंद्रयान-2 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिग करेगा। इस जगह पर इससे पहले किसी भी देश का कोई यान नहीं पहुंचा। ज्यादातर चंद्रयानों की लैंडिंग उत्तरी गोलार्ध में या भूमध्यरेखीय क्षेत्र में हुई है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के. सिवन ने चंद्रमा के कक्ष में चंद्रयान-2 के 2 वर्ष पूरा करने के उपलक्ष्य में चंद्र विज्ञान कार्यशाला 2021 का उद्घाटन किया। इसरो ने बयान जारी कर बताया कि चंद्रयान-2 आंकड़े एवं विज्ञान दस्तावेजों को जारी किया है और साथ ही उन्होंने चंद्रयान-2 के कक्ष पेलोड का डेटा भी जारी किया है।
इसरो अध्यक्ष ने उद्घाटन भाषण में कहा कि चंद्रयान-2 के 8 पेलोड चंद्रमा पर सुदूर संवेदी और अवस्थिति प्रौद्योगिकी के माध्यम से वैज्ञानिक प्रयोग कर रहे हैं। सिवन ने कहा कि अभी तक चंद्रयान-2 ने चंद्रमा की कक्षा में 9,000 से अधिक परिक्रमा पूरी कर ली है।