India-China border dispute: भारतीय और चीनी विदेश मंत्री की तनाव घटाने पर सवा घंटे तक बातचीत

Webdunia
शुक्रवार, 26 फ़रवरी 2021 (12:08 IST)
नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग झील इलाके में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत एवं चीन की सेनाओं के पीछे हटने पर संतोष व्यक्त करते हुए भारत ने चीन से एलएसी के बाकी हिस्सों से भी सेनाओं की जल्द से जल्द वापसी पर बल दिया है और कहा है कि सीमा पर शांति एवं स्थिरता बहाली के बाद ही दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति हो सकेगी।
 
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार को चीन के विदेश मंत्री वांग ई से 75 मिनट यानी करीब सवा घंटे तक टेलीफोन पर बातचीत में सीमा पर स्थिति के साथ-साथ भारत-चीन द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की। दोनों ही पक्षों ने एलएसी पर जल्द से जल्द सामान्य स्थिति बहाल करने पर जोर दिया। दोनों मंत्रियों ने आपस में संपर्क में रहने और एक हॉटलाइन स्थापित करने पर भी सहमति जताई।
ALSO READ: चीन के दुष्प्रचार का मुकाबला करने के लिए अमेरिकी कांग्रेस में विधेयक पेश
विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में यह जानकारी देते हुए कहा कि बातचीत में डॉ. जयशंकर ने सितंबर 2020 में मॉस्को में चीनी विदेश मंत्री के साथ बैठक की याद दिलाई जिसमें भारत ने चीनी पक्ष के उकसावे वाले व्यवहार और एलएसी में यथास्थिति बदलने के एकतरफा प्रयासों पर चिंता जताई थी। विदेश मंत्री ने कहा कि बीते 1 साल में हमारे द्विपक्षीय संबंध बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। सीमा मसले के समाधान में भले ही वक्त लगे लेकिन शांति एवं स्थिरता में खलल और हिंसा के कारण हमारे रिश्तों पर बहुत खराब असर पड़ेगा।
ALSO READ: पूर्वी लद्दाख में पीछे हटे भारत और चीन के सैनिक, अमेरिका की नजर
डॉ. जयशंकर ने कहा कि पिछले साल मॉस्को में दोनों मंत्रियों ने यह माना था कि सीमा पर स्थिति किसी भी पक्ष के हित में नहीं है और तय किया था कि दोनों पक्षों की सेनाएं संवाद बहाल रखें, जल्द से जल्द आमने-सामने से हटें और तनाव घटाएं। दोनों पक्षों ने राजनयिक एवं सैन्य दोनों स्तरों पर लगातार संवाद बनाए रखा। इससे दोनों पक्षों को इस माह पैंगोंग झील के इलाके से आमने-सामने से हटने में सफलता मिली।
 
विदेश मंत्री ने कहा कि अब दोनों देशों को एलएसी के बाकी अन्य हिस्सों को लेकर ऐसा ही समाधान करना चाहिए। एक बार सभी टकराव वाले बिंदुओं पर सेनाएं पीछे हट जाएं तो फिर दोनों पक्षों से सीमावर्ती इलाकों से सेनाओं को कम किया जाए और शांति एवं स्थिरता बहाल की जाए।
ALSO READ: चीन ने क्‍यों अपने ही पत्रकारों को डाल दिया जेल में?
चीनी विदेश मंत्री ने भी सीमा पर हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और कहा कि यह शांति एवं स्थिरता बहाल करने की दिशा में एक बहुत महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों पक्षों को परिणाम हासिल करने के लिए प्रयास तेज करने पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने सीमा प्रबंधन एवं नियंत्रण में अधिक सुधार करने की जरूरत पर भी बल दिया।
ALSO READ: अमेरिका को चीन की नसीहत, अलगाववादी ताकतों का समर्थन करे बंद
डॉ. जयशंकर ने कहा कि दोनों पक्ष हमेशा से मानते रहे हैं कि सीमा पर शांति एवं स्थिरता हमारे द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति का एक अनिवार्य आधार है। सीमा पर ऐसी स्थिति किसी भी पक्ष के हित में नहीं है इसलिए बाकी मसलों के जल्द से जल्द समाधान के लिए दोनों पक्षों को काम करना चाहिए। इसी से हमारे द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति का अवसर आएगा। वांग ई ने भारत-चीन संबंधों को आगे ले जाने के लिए डॉ. जयशंकर द्वारा प्रतिपादित 'तीन पारस्परिकता' (परस्पर सम्मान, परस्पर संवेदनशीलता एवं परस्पर हित) के सिद्धांत को भी स्वीकार किया और यह भी माना कि हमारे रिश्तों को दीर्घकालिक दृष्टिकोण से देखा जाना चाहिए। (वार्ता)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

PM मोदी को पसंद आया खुद का डांस, एक्स पर किया कमेंट

राहुल गांधी ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को लिखा खुला पत्र, पढ़िए क्या सलाह दी

PM मोदी ने संविधान को बदलने और खत्म करने का मन बना लिया : राहुल गांधी

LG ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ की NIA जांच की सिफारिश, खालिस्तानी संगठन से पैसा लेने का आरोप

Lok Sabha Elections 2024: क्या वाकई 2 चरणों में कम हुई वोटिंग, SBI की Research रिपोर्ट में सामने आया सच

तीसरे चरण में रात 8 बजे तक 60% से ज्यादा वोटिंग, महाराष्ट्र में सबसे कम

बंगाल में 25000 शिक्षकों की नियुक्तियां रद्द करने पर SC ने लगाई रोक, CBI को कहा- जल्दबाजी में न करे कार्रवाई

हरियाणा में 3 निर्दलीय MLA ने छोड़ा नायब सैनी सरकार का साथ

बंगाल में भारी बारिश के चलते 12 लोगों की मौत, सीएम ममता ने की संवेदना व्यक्त

सुरक्षा बलों को मिली अहम सफलता, 10 लाख के इनामी आतंकी बासित डार को 3 साथियों के साथ मार गिराया

अगला लेख