कश्मीर में भारी कीमत चुकाई है सेना ने

सुरेश डुग्गर
श्रीनगर। भारतीय सेना समेत अन्य सुरक्षाबलों के लिए कश्मीर का आतंकवाद महंगा साबित हो रहा है, जबकि 27 सालों के दौरान कुल 7200 सुरक्षाबल शहादत पा चुके हैं जबकि गैर सरकारी आंकड़ा बताता है कि 10000 से अधिक सुरक्षाकर्मी मारे जा चुके हैं। आंकड़ों के अनुसार, भारतीय सेना इन 27 सालों के आतंकवाद के दौर में राज्य में छेड़े गए आतंकवाद विरोधी अभियानों में लगभग 4000 सैनिकों को खो चुकी है और इनमें प्रत्येक 25 सैनिकों के पीछे एक अधिकारी भी शामिल है। 
ठीक इसी प्रकार 27 सालों से चल रहे आतंकवाद विरोधी अभियानों में भारतीय सेना के लगभग 17600 जवान व अधिकारी घायल भी हुए। इनमें से करीब 3900 को समय से पूर्व सेवानिवृत्ति इसलिए देनी पड़ी क्योंकि वे आतंकवादी हमलों तथा मुठभेड़ों में घायल होने से शारीरिक रूप से अपंग हो चुके थे।
 
इसी कारण इस सच्चाई से अब इंकार नहीं है कि आतंकवादग्रस्त कश्मीर घाटी में भारतीय सुरक्षाबलों द्वारा छेड़े गए आतंकवाद विरोधी अभियानों में भारतीय सेना को भारी कीमत चुकानी पड़ रही है। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों द्वारा उपलब्ध करवाए जाने वाले आंकड़ों के अनुसार, करीब 7200 सुरक्षाकर्मियों का बलिदान यह आतंकवाद अभी तक ले चुका है और यह भी चौंकाने वाला तथ्य है कि विश्व के सबसे ऊंचे युद्धस्थल सियाचिन ग्लेश्यिर पर होने वाली सैनिकों की मौतों के अनुपात में कश्मीर में होने वाली मौतें अधिक हैं।
 
जम्मू कश्मीर में पाक समर्थक आतंकवाद के अब नए दौर में पहुंचने तथा विदेशी भाड़े के सैनिकों द्वारा अत्याधुनिक हथियारों का प्रयोग सीमावर्ती क्षेत्रों में कर सेना को जो क्षति पहुंचाई जा रही है वह भी सभी के लिए चिंता का कारण बन गया है। आतंकवाद विरोधी अभियानों के दौरान ऐसा अवसर भी आया था जब आतंकवादियों के एक ही हमले में सेना को तीन अधिकारियों को एक साथ खोना पड़ा था।
 
पाकिस्तान द्वारा राज्य में छेड़े गए अप्रत्यक्ष युद्ध में सेना को 1989 से ही उस समय झौंक दिया गया जब राज्य के इस आतंकवादग्रस्त क्षेत्र में ‘उपद्रवग्रस्त क्षेत्र अधिनियम’ को लागू करते हुए सुरक्षाबलों को और अधिकार दिए गए, लेकिन इसे नहीं भूला जा सकता कि सेना को उसी समय अधिक क्षति उठानी पड़ी थी जब पाकिस्तान की ओर से भाड़े के सैनिक इस ओर धकेले गए थे जबकि इससे पूर्व स्थानीय आतंकवादी सेना के जवानों पर हमला करने की हिम्मत तक नहीं कर पाते थे।
 
विदेशी आतंकवादियों की ओर से अब जो ‘करो या मरो’ की नीति अपनाई गई है उसका मुकाबला करने के लिए सेना को ही भेजा जा रहा है क्योंकि सरकार समझती है कि खतरनाक हथियारों तथा ऐसी नीति का मुकाबला करने में सिर्फ सेना ही सक्षम है जिस कारण उसे क्षति भी उठानी पड़ रही है। यह क्षति इसलिए भी उठानी पड़ रही है क्योंकि आतंकवादी ऐसे हथियारों का प्रयोग कर रहे हैं जिनके प्रयोग की उम्मीद रक्षाधिकारियों द्वारा अप्रत्यक्ष युद्ध में नहीं की गई थी।
 
कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों पर कड़ी नजर रखने वाले रक्षाधिकारी इन आंकड़ों को चौंकाने वाला बताते हुए कहते हैं कि इससे पूर्व श्रीलंका में शांति अभियान के दौरान भारतीय सेना को करीब 2000 सैनिकों को खोना पड़ा था जो अभी तक का सबसे अधिक आंकड़ा था किसी अभियान में। वे कहते हैं कि युद्ध में भी कभी भारतीय सेना को इतनी क्षति नहीं उठानी पड़ी है जो अब उसे पाक के छायायुद्ध में उठानी पड़ी है।
 
एक चौंकाने वाला तथ्य यह भी है कि जम्मू कश्मीर में ही स्थित विश्व के सबसे ऊंचे युद्धस्थल सियाचिन हिमखंड में शहीद होने वाले सैनिकों की संख्या कश्मीर में शहीद होने वाले सैनिकों से बहुत ही कम है। सनद रहे कि सियाचिन हिमखंड एक ऐसा युद्धक्षेत्र है विश्व में जो सबसे अधिक ऊंचाई पर तो है। कश्मीर तथा सियाचिन में शहीद होने वाले सैनिकों का अनुपात 8:1 का है।
 
इसलिए अब भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारी छायायुद्ध को देश के लिए बहुत ही खतरनाक बता रहे हैं। वे कहते हैं कि छायायुद्ध जिसे दूसरे शब्दों में अप्रत्यक्ष जंग भी कहा जाता है किसी भी सेना तथा देश के लिए दीमक से कम नहीं है जो उसे भीतर से खोखला करके रख देती है।
Show comments

PM मोदी को पसंद आया खुद का डांस, एक्स पर किया कमेंट

राहुल गांधी ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को लिखा खुला पत्र, पढ़िए क्या सलाह दी

PM मोदी ने संविधान को बदलने और खत्म करने का मन बना लिया : राहुल गांधी

LG ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ की NIA जांच की सिफारिश, खालिस्तानी संगठन से पैसा लेने का आरोप

Lok Sabha Elections 2024: क्या वाकई 2 चरणों में कम हुई वोटिंग, SBI की Research रिपोर्ट में सामने आया सच

तीसरे चरण में रात 8 बजे तक 60% से ज्यादा वोटिंग, महाराष्ट्र में सबसे कम

बंगाल में 25000 शिक्षकों की नियुक्तियां रद्द करने पर SC ने लगाई रोक, CBI को कहा- जल्दबाजी में न करे कार्रवाई

हरियाणा में 3 निर्दलीय MLA ने छोड़ा नायब सैनी सरकार का साथ

बंगाल में भारी बारिश के चलते 12 लोगों की मौत, सीएम ममता ने की संवेदना व्यक्त

सुरक्षा बलों को मिली अहम सफलता, 10 लाख के इनामी आतंकी बासित डार को 3 साथियों के साथ मार गिराया

अगला लेख