नई दिल्ली। सीमा पर चीन की चालबाजी के बीच भारतीय सेना ने सोमवार को पूर्वी लद्दाख में 14000 हजार फुट की ऊंचाई पर अपनी ताकत का अहसास कराया। दरअसल, सैनिकों ने अपनी तीव्र प्रतिक्रिया क्षमताओं को साबित करने के लिए यह हवाई अभ्यास शुरू किया।
इस अभ्यास में सैनिकों और उपकरणों के आसानी से मूवमेंट, सटीक स्टैंड-ऑफ ड्रॉप्स और कम समय में टारगेट का पता लगाने की क्षमता भी शामिल है। इस हवाई ब्रिगेड में सेना के बेहतरीन पैराट्रूपर्स शामिल होते हैं। तीन दिन चलने वाला यह अभ्यास अभी जारी है।
इस दौरान सैनिकों को 14 हजार फुट से अधिक की ऊंचाई पर एक ड्रॉप जोन में डाला गया। दरअसल, चीन के साथ जारी सीमा विवाद के बीच भारतीय सैनिकों द्वारा यह बताने की कोशिश है कि वे किसी से कम नहीं है। हर परिस्थिति में दुश्मन को जवाब दे सकते हैं।
इस अभ्यास के दौरान स्पेशल वाहनों और मिसाइल टुकड़ियों के साथ अमेरिकी मूल के C-130J विमान और सोवियत मूल के AN-32 विमानों के माध्यम से 5 अलग-अलग ठिकानों से ले जाया गया। ड्रॉप्स इसलिए भी चुनौतीपूर्ण थी क्योंकि उस समय तापमान माइनस 20 डिग्री के लगभग था।
सैनिकों द्वारा किए गए इस अभ्यास में ऑक्सीजन कॉम्बैट फ्री फॉल जंप और एकीकृत अभ्यास, मैकेनाइज्ड कॉलम आदि शामिल हैं।