जम्मू। आज 12वें दिन भी पुंछ के जंगलों में जारी मुठभेड़ खत्म नहीं हो पाई क्योंकि बचे हुए आतंकी अभी तक मारे नहीं गए हैं। बारहवें दिन 50 घंटे की खामोशी के बाद आतंकियों के साथ फिर से मुठभेड़ आरंभ हुई तो एक सैनिक जख्मी हो गया। इस मुठभेड़ में अभी तक सेना के 9 जवान शहीद हो चुके हैं और हजारों सैनिक इस मुठभेड़ में लगे हुए हैं।
अधिकारियों के मुताबिक, भाटाधुलियां जंगल में सुरक्षाबलों व आतंकियों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई है। दोनों ओर से सुबह से जारी गोलीबारी में सेना के एक जवान के घायल होने की सूचना है। जंगल घना होने की वजह से सेना के जवान आतंकियों को सीधे तौर पर देख नहीं पा रहे हैं।
सुबह से शुरू हुआ गोलीबारी का सिलसिला लगातार जारी है। जंगल के साथ लगते इलाकों में रहने वाले लोगों का कहना है कि मुठभेड़ में दोनों ओर से बड़े-बड़े हथियारों का इस्तेमाल किया जा रहा है। सुबह से ही वे बम धमाकों की आवाजें सुन रहे हैं। घायल जवान को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पुंछ के चमरेड़ और भाटाधुलियां के जंगल में आतंकियों की तलाश में पिछले 12 दिन से तलाशी अभियान चल रहा है। इस दौरान मुठभेड़ में सेना के नौ जवान शहीद हो चुके हैं। इनमें से पांच जवान चमरेड़ और चार भाटाधुलियां के जंगल में शहीद हुए हैं। इसके बाद से अब तक आतंकियों का कहीं पता नहीं चला है। जंगल काफी घना है। एहतियात बरतते हुए जवान आगे बढ़ रहे हैं।
भाटाधुलियां के घने जंगल में भले ही अभी आतंकियों का कुछ पता नहीं चला हो, लेकिन सूत्रों का कहना है कि 6 आतंकियों को ढेर किया जा चुका है। हो सकता है कि जंगल में आतंकियों ने अपना कोई ठिकाना बना रखा हो। सूत्रों का कहना है कि जंगल में कुछ और आतंकी भी हो सकते हैं।
जंगल के अंदर जवान दाखिल हो चुके हैं, लेकिन अभी तक उस जगह तक नहीं पहुंच पाए हैं, जहां आतंकियों के छिपे होने की आशंका है। इसलिए जवान आतंकियों के उस ठिकाने तक पहुंचकर ही आखिरी कार्रवाई को अंजाम देंगे। इसके बाद इस ऑपरेशन को खत्म कर दिया जाएगा।