पत्नी ने चुना बांग्लादेश और पति ने हिंदुस्तान...

Webdunia
भारत और बांग्लादेश के बीच जून में हुए जमीन की अदला-बदली का समझौता शुक्रवार की रात से लागू हो गया है।
 
इस विभाजन के बाद से चार साल से बांग्‍लादेश में रहने वाले पति-पत्नी के बीच एक नई समस्या खड़ी हो गई है, पति भारत में जाना चाहता है और पत्नी बांग्लादेश में ही रहना चाहती है। सरवर आलम और मरीना बेगम नाम के पति-पत्नी पिछले चार सालों से यहां पर रहते हैं, लेकिन अब इस बंटवारे से दोनों की राह अलग होने की कगार पर पहुंच गई है।
 
इससे पहले सरवर और मरीना दोनों को एक विकल्प दिया गया कि अगर वे बांग्लादेश के एंक्लेव में रहते हैं तो उन्हें बांग्लादेशी नागरिकता मिलेगी और वे भारत के एंक्लेव में रहना चाहते हैं तो उन्हें भारतीय नागरिकता मिल जाएगी। इस विकल्प को 6 और 16 जुलाई के बीच प्रयोग किया गया था।
इसके बाद दोनों भारत जाने के लिए तैयार हो गए, लेकिन इसी बीच पत्नी का मन बदल गया और उसने अधिकारियों से कहा कि वह यहीं रहना चाहती है। इस जोड़े के दो बच्चे भी हैं और पत्नी ने ये फैसला किया है कि वे दोनों उसके साथ बांग्लादेश में ही रहेंगे। वहीं पति को भारत जाने के लिए 30 नवंबर तक का समय दिया गया है।
 
शुक्रवार की आधी रात से लागू हुए इस समझौते के साथ ही भारत की 111 एंक्लेव बांग्लादेश की हो गई और बांग्लादेश की 52 एंक्लेव भारत की हो गई हैं। वहीं लगभग 16,000 लोग शनिवार को भारतीय नागरिग बनेंगे। भारत ने इसे 'ऐतिहासिक दिन' बताया और जैसे ही यह लागू हुआ तो लोगों ने तिरंगा लहराना शुरू किया और उस आजादी के उस पल का जश्न मनाया।
 
भारत के जिन राज्यों की एंक्लेवों की अदला-बदली हुई है, उनमें असम, मेघालय, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। जानकारी के अनुसार अदला-बदली में शामिल भारतीय कॉलोनियों में करीब 37 हजार लोग रहते हैं जबकि बांग्लादेशी कॉलोनियां में 14 हजार लोग रहते हैं। इस समझौते के चलते बांग्लादेश को 10 हजार एकड़ जमीन मिलेगी, वहीं भारत को सिर्फ 500 एकड़ जमीन मिलेगी।
 
इससे पहले विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा था कि 31 जुलाई भारत और बांग्लादेश दोनों के लिए ऐतिहासिक दिन होगा और इस दिन को उन मुद्दों का समाधान हुआ जो आजादी के बाद से लंबित थे। अब भारत और बांग्लादेश के कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को संबंधित देश की नागरिकता तथा नागरिक को मिलने वाली सभी सुविधाएं मिल सकेंगी।
 
आपको बता दें कि भारत और बांग्लादेश के बीच जमीन की अदला-बदली का पहला समझौता 16 मई 1974 को इंदिरा गांधी और बांग्लादेश के प्रधानमंत्री मुजीबुर्र रहमान के बीच हुआ था। पीएम नरेंद्र मोदी ने जून, 2015 के अपने ढाका दौरे के दौरान 1974 से लंबित इस भूमि सीमा समझौते को अंतिम रूप दिया था। बंग्लादेश के लोग जहां अपनी इस आजादी से खुश नजर आ रहे हैं, वहीं भारत से बंग्लादेश जाने वाले लोग चिंतित हैं। (hindi.news18.com से)
Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?