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महंगाई बनी 'महंगासुर’! 3 महीने में 30 फीसदी महंगा हुआ घर का राशन, अब डीजल ने 30 फीसदी तक बढ़ाया भाड़ा, आपकी जेब पर इतना ही और पड़ेगा बोझ

रिकॉर्डतोड़ महंगाई ने बिगाड़ा घर का बजट

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विकास सिंह

, शुक्रवार, 19 फ़रवरी 2021 (11:10 IST)
भोपाल। 2020 में जहां आम आदमी कोरोना महामारी से जूझ रहा था तो नए साल यानि 2021 में आम आदमी महंगाई रूपी महामारी की चपेट में आ गया है। ‘महंगाई डायन’ सुरसा की तरह इतनी तेजी से अपना मुंह फैलाती जा रही है कि इसे अगर ‘महंगासुर’ कहा जाए तो कुछ गलत नहीं होगा। पेट्रोल,डीजल और रसोई गैस के दाम पिछले एक साल किस कदर तेजी से बढ़े है उसको 'वेबदुनिया' ने पहले ही अपनी खबर में विस्तार से बताया था।
पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की बेलगाम कीमतों ने घर की रसोई का पूरा बजट ही बिगाड़ दिया है। महंगाई की मार से मध्यमवर्गीय परिवार की कमर टूट गई है। महंगाई का बोझ आम आदमी पर किस कदर पड़ा है इसको केवल इससे समझा जा सकता है कि एक मध्यमवर्गीय परिवार पर 10 हजार रुपए से अधिक का खर्च का बोझ बढ़ गया है।
 
पेट्रोल और डीजल के दाम एक साल में 20 रुपए प्रति लीटर बढ़ने से आम आदमी के जेब पर सीधा असर पड़ा है। डीजल अपने ऑलटाइम हाई पर पहुंचने के बाद मालभाड़ा बढ़ने के चलते रोजमर्रा की जरुरतों के सामान में आग लग गई है।
अगर खाद्य पदार्थों की महंगाई के ग्राफ को देखा जाए तो पिछले तीन महीने में घर की रसोई का खर्च ही 20 से 30 फीसदी तक बढ़ गया है। नवंबर 2020 में जो कंपनी का पैकेट बंद 5 किलो का ब्रांडेड आटा जो 150 में बिक रहा था वह आज 175-80 में बिक रहा है। इसके साथ ही खाद्य तेल के दाम पिछले तीन महीने में 40 से 50 रुपए प्रति लीटर तक बढ़ने से खाने का जायका ही बदल गया है। सरसों का बोतल बंद तेल जो पिछले अक्टूबर-नवंबर में 90-100 रुपए में बिक रहा था वह आज 150-155 रुप ए प्रति लीटर बिक रहा है। वहीं रिफाइंड ऑयल भी 50 रुपए प्रति लीटर तक महंगा हो गया है।

अखिल भारतीय उद्योग व्यापार महासंघ के महासचिव अनुपम अग्रवाल कहते है कि महंगाई बढ़ने के बीच टैक्स विसंगतियां भी एक बड़ा कारण है। वह कहते हैं कि खाद्य सामग्री के साथ आवश्यक वस्तुओं के दाम जिस तेजी से बढ़े है उससे लोग परेशान हुए है और इसका असर व्यापार पर भी पड़ा है। वह कहते हैं कि आगे त्यौहारी सीजन को देखते हुए खाद्य तेलों समेत खाद्य सामग्री के दामों में और तेजी आएगी।  

सब्जियों ने भी बिगाड़ा रसोई का बजट- इधर सब्जियों ने फिर आम आदमी की रसोई का बजट बिगाड़ना शुरु कर दिया है। हर बार लोगों को रुलाने वाला प्याज एक बार फिर तेजी से बढ़ रहा है। 15 दिन पहले 30 रुपए किलो बिकने वाला प्याजा आज फुटकर में फिर 50 रुपए किलो बिक रहा है। वहीं टमाटर 30 रुपए किलो,मटर 40 रुपए और भिंड़ी 80 रुपए प्रति किलो में बिक रही है।  

पेट्रोल-डीजल में लगी आग-आज पेट्रोल और डीजल के कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचकर इतिहास बना रही है। मध्यप्रदेश में जहां सादा पेट्रोल 100 रुपए प्रति लीटर का आंकड़ा पार कर गया है तो डीजल के दाम भी 90 रुपए के पास तक पहुंच गए है। नए साल में पेट्रोल और डीजल के दाम 6 रुपए प्रति लीटर से अधिक बढ़ चुके है।
वहीं दूसरी ओर रसोई गैस के लगातार बढ़ते दामों ने लोगों की जेब पर सीधा असर डाला है। बीते 10 महीने में रसोई गैस सिलेंडर 200 रुपए महंगा होकर आज भोपाल में 775 रुपए में बिक रहा है। पिछले 15 दिनों में ही सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर के दामों में 75 रुपए प्रति सिलेंडर की बढ़ोत्तरी हो चुकी है।
अब 30 फीसदी भाड़ा बढ़ाने का एलान-डीजल के दाम ऑलटाइम हाई पर पहुंचने का असर यह हो रहा है कि भाड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। डीजल के दाम 90 रुपए तक पहुंचने के साथ ही अब ट्रक ऑपरेटरों ने मालभाड़ा 25 से 30 फीसदी तक बढ़ा दिया है।

इंदौर ट्रक ऑपरेटर एंड ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष सीएल मुकाती कहते हैं कि कोरोना के चलते पहले ही ट्रक ऑपरेटरों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है अब डीजल की बेलगाम कीमतों ने भाड़ा बढ़ाने के लिए मजबूर कर दिया है। हर प्रकार के माल भाड़ा में 25 से 30 फीसदी तक की बढोत्तरी की गई है। 
 
‘वेबदुनिया’ से बातचीत में सीएम मुकाती इस बात को मानते है कि माल भाड़ा 25-30 फीसदी बढ़ने से आम आदमी के जेब पर सीधा बोझ पड़ेगा और इसकी रोजमर्रा की जरुरतों का सामान 30 फीसदी तक तुरंत महंगी हो जाएगी। डीजल के बढ़ते दामों के विरोध में आने वाले दिनों ट्रक ऑपरेटर हड़ताल पर भी जा सकते है। 

जल्द लगेगा बिजली का ‘करंट’- महंगाई से जूझ रहे मध्यप्रदेश के लोगों को जल्द ही बिजली के दामों का झटका लगने जा रहा है। प्रदेश की तीनों बिजली कंपनियों ने विद्युत नियामक आयोग को बिजली के दाम बढ़ाने संबंधी एक याचिका सौंपी है जिसमें सभी वर्ग के बिजली उपभोक्ताओं को बिजली करीब 6 फीसदी तक महंगी किए जाने का प्रस्ताव दिया है।

कंपनियों ने दाम बढ़ाए जाने का बड़ा कारण ढाई हजार करोड़ से अधिक का घाटा बताया है। अपने इस घाटे से उबरने के लिए अब बिजली कंपनियां बिजली उपभोक्ताओं पर बोझ बढ़ाने जा रही हैं। वहीं अब विभागीय मंत्री ने भी अपने बयान में बिजली के दाम बढ़ने का संकेत दे दिए है।  

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