LG ने दिया आदेश, दिल्ली में साइन बोर्ड पर अब हिन्दी, अंग्रेजी, पंजाबी और उर्दू में लिखें जानकारियां

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
गुरुवार, 19 दिसंबर 2024 (15:27 IST)
sign boards in Delhi: दिल्ली के सड़क संकेतक (sign boards), दिशा-निर्देशक बोर्ड और यहां तक ​​कि मेट्रो स्टेशनों (Metro Stations) पर लगे संकेतकों पर जल्द ही हिन्दी, अंग्रेजी, पंजाबी और उर्दू भाषा में जानकारियां लिखी जाएंगी। इस कदम का उद्देश्य भाषायी विविधता को बढ़ावा देना और दिल्ली की आधिकारिक भाषाओं को प्रदर्शित करना है। इस विषय में उपराज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना ने आदेश दिया है।
 
नौकरशाहों को अपना नाम 4 भाषाओं में प्रदर्शित करना होगा : दिल्ली सरकार के तहत कार्यरत नौकरशाहों को भी अपने कार्यालयों के बाहर बोर्ड पर अपना नाम इन 4 भाषाओं में प्रदर्शित करना होगा। यह कदम 'दिल्ली आधिकारिक भाषा अधिनियम, 2000' के अनुरूप है, जो हिन्दी को पहली आधिकारिक भाषा और उर्दू तथा पंजाबी को दूसरी आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता देता है। वर्तमान में दिल्ली में अधिकांश साइन बोर्ड और नेमप्लेट पर केवल हिन्दी और अंग्रेजी में ही जानकारी लिखी होती है।ALSO READ: दिल्ली में फिर प्रदूषण की मार, GRAP के चौथे चरण के तहत प्रतिबंध लागू, क्या होगा असर?
 
कला, संस्कृति और भाषा विभाग ने 4 नवंबर को एक आदेश में सभी विभागों, नागरिक निकायों और स्वायत्त प्राधिकरणों को उपराज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना के निर्देशों का पालन करते हुए अधिनियम का अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि बोर्ड और संकेतकों पर भाषा का क्रम हिन्दी, अंग्रेजी, पंजाबी और उर्दू होना चाहिए तथा सभी के लिए शब्दों का आकार समान होना चाहिए।
 
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि यह निर्देश मेट्रो स्टेशनों, अस्पतालों, सार्वजनिक उद्यानों और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर लागू होगा। राष्ट्रीय राजधानी में 1,250 किलोमीटर सड़कों की देख-रेख का जिम्मा संभालने वाला लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) संकेतकों को अद्यतन करना प्रारंभ करेगा।ALSO READ: दिल्ली में बढ़ते अपराधों और कानून व्यवस्था को लेकर गृहमंत्री से क्या बोले अरविंद केजरीवाल
 
उपराज्यपाल का निर्देश केंद्रीय गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग के 2011 के आदेश से भी मेल खाता है जिसमें 'ए क्षेत्र' में आने वाले राज्यों दिल्ली, बिहार और हरियाणा आदि को स्थानीय स्तर पर अन्य भाषाओं के क्रम को तय करते हुए सार्वजनिक संकेतकों पर हिन्दी को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया गया था। दिल्ली उर्दू अकादमी के अध्यक्ष शहपार रसूल ने इस कदम का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि 'दिल्ली राजभाषा अधिनियम 2000' के आधिकारिक क्रियान्वयन की खबर सुनकर उन्हें खुशी हुई है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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