8-12 साल के बच्चों के ऑनलाइन खतरों का शिकार होने संभावना

Webdunia
रविवार, 11 फ़रवरी 2018 (20:46 IST)
नई दिल्ली। साइबर धमकी और वीडियो गेम की लत जैसे ऑनलाइन खतरों का शिकार होने वालों में सबसे ज्यादा संख्या आठ से 12 साल के बच्चों की होती है। इसमें भी भारत जैसी उभरती अर्थव्यस्थाओं में यह हालत ‘तेजी’ से बढ़ रहे हैं। विश्व आर्थिक मंच और डीक्यू इंस्टीट्यूट की एक संयुक्त रपट के अनुसार आठ से 12 साल की उम्र वाले 50 प्रतिशत से अधिक बच्चे साइबर धमकी (बुलिंग), वीडियो गेम की लत, ऑफलाइन मिलने-जुलने, गलत जानकारी और यौन बातों के बारे में ऑनलाइन जानना इत्यादि ऑनलाइन खतरों के प्रति अति संवेदनशील होते हैं।

 
महत्वपूर्ण बात यह है कि उभरती अर्थव्यवस्थाओं में यह समस्या तेजी से बढ़ रही है, जहां ‘इंटरनेट को स्वीकार करने की गति बेहद तेज है और इसे लेकर अभिभावकों, उद्योग जगत या सरकार की ओर से उचित सुरक्षात्मक उपाय नहीं किए गए हैं।’ डीक्यू इंपैक्ट रिपोर्ट-2018 का मकसद छोटे-छोटे बच्चों के सामने पेश आ रहे डिजिटल खतरों के बारे में सरकार, उद्योग जगत और सिविल सोसायटी को जागरुक करना है ताकि इस मामले में वह अभिभावकों की मदद कर सकें। (भाषा) 

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?