क्या पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव की हत्या कर दी?

Webdunia
बुधवार, 12 अप्रैल 2017 (14:06 IST)
भाजपा सांसद और पूर्व गृहसचिव आरके सिंह ने एक सवाल उठाया है कि कहीं पाकिस्तान में कुलभूषण जाधव की हत्या तो नहीं कर दी गई है। सिंह का कहना है कि पाकिस्तान जाधव की मौत को कहीं नाटकीय बनाने की कोशिश नहीं कर रहा है।
 
भाजपा सांसद का कहना है कि इस कठोर संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है कि पाकिस्तान ने जाधव पर इतना अत्याचार किया हो कि उनकी मौत हो गई जिसके चलते पाकिस्तान उस दर्दनाक कहानी को छिपाने के लिए ये साजिश रच रहा है।
 
आरके सिंह ने दावा किया है कि भारत ने तेरह बार जाधव से संपर्क की इजाजत मांगी थी, लेकिन यह अनुमति नहीं दी गई जिससे यह संभावना प्रबल होती है कि जाधव अब इस दुनिया में नहीं हैं। पाकिस्तान अब इस मामले में बचने के लिए नई-नई कहानियां तैयार कर रहा है।
 
सिंह ने मांग की है कि सरकार को पहले इस बात की पुष्ठि करनी चाहिए कि जाधव जिंदा भी हैं या नहीं। यह बेहद चिंता का विषय है और उन्होंने कहा कि सबसे पहले भारत सरकार को राजनयिक तरीकों से जाधव से सम्पर्क करनी की कोशिश करनी चाहिए।   
 
पूर्व गृह सचिव आरके सिंह ने कहा कि पाकिस्तान जो तर्क दे रहा है वह कहानी से कम नहीं हैं। कुलभूषण के खिलाफ कोई सैन्य मुकदमा नहीं चलाया गया बल्कि लगता है कि जाधव को टॉर्चर किया गया और उसकी हत्या कर दी गई। जाधव की यदि हत्या नहीं हुई है तो उसे वकील मुहैया कराने की अनुमति मिलनी चाहिए।
 
विदित हो कि विदेश मंत्री ने कहा कि हमारे पास इस सजा को सुनियोजित हत्या का कृत्य मानने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। सुषमा ने कहा कि अगर इस मौत की सजा पर अमल होता है तो द्विपक्षीय संबंधों पर इसके प्रभाव पड़ेंगे।
 
विदित हो कि सुषमा स्वराज ने संसद में कहा है कि भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को मनगढंत आरोपों के आधार पर पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई है। जाधव ईरान में कारोबार करते थे और उन्हें वहां से अपहरण करके पाकिस्तान ले जाया गया। उन्होंने कहा कि वास्तविक परिस्थितियां स्पष्ट नहीं हैं और तथ्यों का पता तब ही चल पाता जब हम उन्हें कौंसुलर पहुंच मुहैया करा पाते।
 
इस बीच एक दैनिक समाचार पत्र नवभारत में कहा गया है कि पाकिस्तान ने नेपाल से जिस पूर्व सैन्य अधिकारी के 'गायब' होने की बात कहीं थी, वही अधिकारी जाधव को गिरफ्तार करने वाली टीम में शामिल था। जाधव को पाकिस्तान में अचानक मौत की सजा सुनाए जाने के बाद सनसनीखेज नया खुलासा हुआ है कि भारत सीमा से सटे नेपाल के लुंबिनी से लापता पाकिस्तानी लेफ्टिनेंट कर्नल मोहम्मद हबीब जहीर ने जाधव को गिरफ्तार करवाया था। 
 
जबकि पाकिस्तान का आरोप है कि हबीब भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ की हिरासत में है हालांकि भारत की ओर से अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की गई है। लेफ्टिनेंट कर्नल हबीब 2014 में पाकिस्तानी सेना से रिटायर हुए थे, लेकिन उसके बाद भी आईएसआई के लिए काम करते थे।
 
जबकि वास्तविकता यह सामने आई है कि पाकिस्तान की जिस टीम ने मार्च 2016 में कुलभूषण जाधव को पकड़ा था, उसमें हबीब भी शामिल थे। इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से बताया कि लेफ्टिनेंट कर्नल हबीब काफी समय से कुलभूषण पर निगाह रख रहे थे। जब कुलभूषण अपने परिजनों से मराठी में बात करते थे तो हबीब उनकी इन बातचीत पर गौर करते थे। इस तरह उन्होंने कुलभूषण की गिरफ्तार में अहम किरदार निभाया। हबीब अक्सर नेपाल आया-जाया करता था और भारतीय एजेंसियां हबीब पर लंबे समय से निगाह रख रही थीं।
 
बिलावल भुट्टो ने किया जाधव की सजा का विरोध : पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के प्रमुख बिलावल भुट्टो ने मंगलवार को अप्रत्यक्ष रूप से भारतीय कुलभूषण जाधव को मृत्युदंड की सजा सुनाए जाने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा 'विवादित' है। अपने नाना जुल्फिकार अली भुट्टो को दी गई मौत की सजा को याद करते हुए उन्होंने कहा कि सैद्धांतिक रूप से उनकी पार्टी मृत्युदंड के खिलाफ है। 
 
पीपीपी पंजाब के अध्यक्ष और पूर्व संघीय सूचना मंत्री कमर जमान कैरा ने कहा कि जाधव को मौत की सजा पर भारत की प्रतिक्रिया 'स्वाभाविक' है। उन्होंने कहा कि वास्तव में नवाज शरीफ सरकार जाधव के खिलाफ आरोप पत्र के बारे में दुनिया को बताने में असफल रही है। अगर भारत ने पाकिस्तानी जासूस को पकड़ा होता तो उसने दुनियाभर में इसका खूब प्रचार किया होता। 
 
 
अगले पन्ने पर... पहले भी पाक में भारतीयों को दी जा चुकी हैं फांसी

पाकिस्तान ने 1999 में भी भारतीय असफर शेख शमीम को फांसी दी थी। पाक ने उसे भी जासूस बताया था। इसके अलावा पाकिस्तान में कई बेगुनाह भारतीयों को मौत की सजा सुनाई जा चुकी है। भारत ने पाकिस्तान के कई जासूसों को पकड़ा, लेकिन आज तक किसी को भी मौत की सजा नहीं दी गई।
 
ऐसा ही एक मामला जम्मू के चमेल सिंह का था। चमेल सिंह को भी पाकिस्तान ने जासूसी के आरोप में पकड़कर लाहौर के कोटलखपत जेल में रखा था, जहां बाद में उनको पाकिस्तानी कैदियों ने जेल में मार डाला था। जम्मू के अखनूर तहसील में चमेल सिंह का परिवार रहता है। 
 
चमेल ने वर्ष 2008 में गलती से भारत पाक सीमा को असावधानी वश पार किया था जिसके बाद उन्हें वहां गिरफ्तार किया गया और उन पर भारत के लिए जासूसी का करने का आरोप लगाया गया। जनवरी 2013 में चमेल सिंह की पाकिस्तान की कोट लखपत जेल में पाकिस्तानी कैदियों ने मार डाला था। 
 
पाकिस्तान के डॉन न्यूज़ के मुताबिक पाकिस्तानी रक्षामंत्री ने भारत के उन आरोपों की कड़ी आलोचना की है जिसमें जाधव को दी गई फांसी की सजा को हास्यास्पद करार देते हुए कहा गया था कि अगर उसे सज़ा-ए-मौत दी जाती है तो यह सुनियोजित मर्डर होगा। आसिफ ने जोर देते हुए कहा कि ऐसा कुछ भी गलत नहीं हुआ जो कानून के खिलाफ हो।
 
सरबजीत,किरपाल की मौत के मामले भी कुलभूषण जैसे : कुलभूषण जाधव को पाकिस्‍तान की कोर्ट से मिली फांसी की सजा के बाद सभी को यह डर सताने लगा है कि कहीं यह कहानी भी सरबजीत और किरपाल सिंह की कहानी की तरह तो नहीं बन जाएगी। विदित हो कि जाधव इस फेहरिस्‍त में पहले ऐसे व्‍यक्ति नहीं हैं जिन्‍हें पाकिस्‍तान ने भारतीय जासूस बताकर फांसी की सजा सुनाई हो। 
 
इससे पहले सरबजीत को भी इसी तरह से पाकिस्‍तान की कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी। हालांकि बाद में काफी जद्दो-जहद और कूटनीतिक प्रयासों के बाद पाकिस्‍तान उन्‍हें रिहा करने को राजी हो गया था। कोट लखपत जेल में बंद एक कैदी के हमले में गंभीर रूप घायल होने के बाद सरबजीत ने अस्‍पताल में दम तोड़ दिया।
 
किरपाल का भी मामला : इसके अलावा पाकिस्‍तान की जेल में बंद एक अन्‍य भारतीय कैदी किरपाल सिंह को भी जासूस बताते हुए पाकिस्‍तान की कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी। कूटनीतिक प्रयासों के बावजूद किरपाल की भी संदग्धि हालत में वहां मौत हो गई थी। हालांकि पाकिस्‍तान सरकार ने इसकी वजह हार्ट-अटैक बताई थी, लेकिन किरपाल के घर वालों को पाक सरकार की इस बात पर आज भी भरोसा नहीं है। किरपाल ने 24 साल और सरबजीत ने करीब 23 वर्षों तक पाकिस्‍तान की जेल में यातना का दर्द झेला था। 
 
सजा पूरी, पर जेल से नहीं लौटा अंसारी : मुंबई निवासी एक भारतीय इंजीनियर नेहाल हामिद अंसारी भी वर्ष 2012 से ही पाकिस्‍तान की जेल में बंद है। उसकी सजा पूरी होने के बाद भी उसे अब तक छोड़ा नहीं गया है। पाकिस्‍तान सरकार और कोर्ट यह मानती है कि वह अपनी एक महिला दोस्‍त की विनती पर पाकिस्‍तान में गलत तरीके से दाखिल हुआ था। उस पर जासूसी जैसे कोई आरोप भी नहीं है और उसकी सजा भी पूरी हो चुकी है, इसके बाद भी उसको अभी तक रिहा नहीं किया गया है। अंसारी को लेकर भी भारत कूटनीतिक प्रयास कर रहा है, जिस पर पाकिस्‍तान की तरफ से अब तक कोई सकारात्‍मक जवाब नहीं मिला है।
 
इसलिए इस आशंका का आधार है कि इस बात की पूरी संभावना है कि यातनाओं देने के दौरान कुलभूषण जाधव की मौत हो गई हो और इस मामले पर लीपापोती करने के लिए सैनिक कोर्ट द्वारा फांसी की सजा सुनाने की घोषणा की गई है, जबकि भारत में पाकिस्तान के तीन जासूसों को सजा सुनाई गई थी जिनमें से एक ने अपनी सजा पूरी कर ली है लेकिन पाक सरकार उसे वापस नहीं लेना चाहती है।  
Show comments

जरूर पढ़ें

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का दिल्ली में स्मारक बनेगा, बेटी शर्मिष्ठा बोलीं- बाबा कहते थे, राजकीय सम्मान मांगने नहीं चाहिए

मुफ्त योजनाओं पर बेबस EC, राजीव कुमार बोले- हमारे हाथ बंधे हुए

कौन है जेल में बंद दिल्ली दंगों का आरोपी, जिसे असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने दिया टिकट

जस्टिन ट्रूडो की रवानगी से कनाडा में रहने वाले भारतीय छात्रों पर क्या होगा असर, 2025 से लागू होगा यह नियम

केजरीवाल बोले, काम की राजनीति और गाली गलौज की राजनीति के बीच होगा होगा चुनाव

सभी देखें

नवीनतम

देश में HMPV के 8 केस, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु में 2-2 मामले, बंगाल-गुजरात में 1-1, केंद्र ने राज्यों को दिए निर्देश

Bharatpol : क्या है भारतपोल, भगोड़े अपराधियों कैसे कसेगा शिकंजा, स्वदेशी इंटरपोल की जरूरत क्यों

Maharashtra : कोचिंग संस्थान ने JEE छात्रों से 3 करोड़ ठगे, 8 पर मामला दर्ज

Indore : BJP पार्षदों के बीच जंग, कमलेश कालरा और जीतू यादव को नोटिस जारी, 48 घंटे में मांगा जवाब

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का दिल्ली में स्मारक बनेगा, बेटी शर्मिष्ठा बोलीं- बाबा कहते थे, राजकीय सम्मान मांगने नहीं चाहिए

अगला लेख