भारतीयों को सेक्स गुलाम बना लेते थे आईएस आतंकी...

Webdunia
गुरुवार, 21 मई 2015 (12:03 IST)
आईएसआईएस को छोड़कर भारत वापस आए आरिब मजीद ने खुलासा किया है कि वहां पर भारतीयों के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार किया जाता है और भारतीय पुरुषों व महिलाओं दोनों को सेक्स गुलाम समझा जाता है।      
आरिब मजीद के खिलाफ 8000 पेजों की चार्जशीट दायर की गई है। आरिब मजीद अपने आपको अब अनिच्छुक जिहादी बताता है। गौरतलब हो कि आरिब मजीद अपने 3 दोस्तों के साथ आईएसआईएस में शामिल होने के लिए भारत छोड़ के चला गया था और कई दिनों तक आईएसआईएस संगठन के साथ रहा।
 
लेकिन जब उसे लगा कि उसके साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है तो उसने भारत लौटने में अपने भलाई समझी और जब वह भारत लौटा तो उसे गिरफ्तार कर लिया गया। आरिब मजीद के बताया, 'जो मैंने वहां देखा वह बिल्कुल अलग था।

जिस प्रकार से आईएसआईएस अपने आप को दुनिया में प्रचारित करता है वैसा वहां कुछ नहीं था। भारतीयों की वहां कोई पूछ-परख नहीं है। महिलाओं का वहां अनादर किया जाता है। ये सब बातें मजीद ने नेशनल इन्वेस्टीगेशन इजेंसी को बताई।            
 
अबू-बकर-अल बगदादी के बारे में अगले पेज पर...   
 

उसने बताया कि आईएसआईएस में कोई खलीफा नहीं है। उसने बताया कि दुनिया की नजरों में अबू-बकर-अल बगदादी आईएसआईएस का मुखिया है, लेकिन असल में कोई भी इस संगठन का खलीफा या मुखिया नहीं है। अगर उन्होंने अपना खलीफा घोषित किया होता तो उन्हें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए था कि जो वे युद्ध लड़ रहे हैं वह शुद्ध और पाक है।       
 
आईएसआईएस के लोग बिना दिमाग का इस्तेमाल किए बेदर्दी से लोगों को मारते हैं। अगर वे बगदादी को अपना खलीफा मानते तो वे क्यों महिलाओं से घृणास्पद तरीके से व्यवहार करते। आईएसआईएस में महिलाओं से गुलामों की तरह व्यवहार किया जाता है।
 
उन्हें वहां खिलौना समझा जाता है। खलीफा के बारे में घोषणा एक बड़ा झूठ है और आईएसआईएस के इस झूठ पर किसी को यकीन नहीं करना चाहिए। मजीद ने आगे बताया कि आईएसआईएस ने कई प्रकार के वीडियो बना रखे हैं ये वीडियो इतने विश्वासप्रद हैं कि जब विश्व के लोगों के पास ये वीडियो पहुंचते हैं वे संगठन पर विश्ववास करते हुए शामिल होने के लिए अपनी मंजूरी दे देते हैं।
 
हालांकि जो वे वीडियो में दिखाते हैं और जो वास्तव में वे लोग करते हैं उसमें जमीन-आसमान का अंतर है। भारतीयों को आईएसआईएस में दोहरे दर्जे का माना जाता है। भारतीयों के लिए वहां कोई जगह नहीं है। भारतीयों से वहां नौकरों जैसा व्यवहार किया जाता है। मजीद ने बताया कि भारतीयों से सेक्स गुलाम के रूप में बर्ताव किया जाता है।       
 
भारतीयों को क्यों नहीं दी जाती आईएस में वरीयता... 
 

उसने आगे बताया कि वहां पहली वरीयता अरब वालों को फिर यूरोपियन को दी जाती है। वहां भारतीयों से कोई महत्वपूर्ण काम नहीं लिया जाता। हम भारतीयों को चाहे वह महिला हो या पुरुष सेक्स गुलाम के रूप में बर्ताव किया जाता है।
 
भारतीयों को वहां दूसरे लोगों की खुशामद करने का काम दिया जाता है। जब मैंने अपने हैंडलर से मेरे साथ हुए भेदभाव के बारे में बताया तो मेरे हैंडलर ने बोला कि भारतीय सच्चे लड़ाके नहीं होते। उन्हें भारतीयों के इतने गहरे युद्ध में सफल होने पर विश्ववास नहीं है। इसीलिए हमें साफ-सफाई और दूसरों की खुशामद करने का काम दिया गया था।  मजीद ने बताया कि हमने हैंडलर से लड़ाई करने के लिए की बार गुहार लगाई, लेकिन उसने कभी भी हमें लड़ाई में शामिल होने की इजाजत नहीं दी।       
 

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