गगनयान को लेकर ISRO चीफ सिवन ने दिया बड़ा बयान

Webdunia
शनिवार, 12 सितम्बर 2020 (23:46 IST)
प्रयागराज। अंतरिक्ष विभाग के सचिव डॉ. के. सिवन ने शनिवार को कहा कि 'गगनयान' भारत के लिए अति महत्वपूर्ण परियोजना है, क्योंकि इससे देश की विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षमता बढ़ेगी।

मुख्य अतिथि के रूप में यहां भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान के 15वें दीक्षांत समारोह को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संबोधित करते हुए सिवन ने कहा कि 1960 के दशक में भारत जैसे देश में अंतरिक्ष कार्यक्रम शुरू करना एक सनक भरा विचार था, लेकिन डॉ. विक्रम साराभाई ने भारत के परिवर्तन में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की संभावनाओं को देख लिया था।

उन्होंने कहा कि जब पूरी दुनिया रक्षा के क्षेत्र में दबदबे के लिए अंतरिक्ष का उपयोग कर रही थी, डॉ. साराभाई ने सोचा कि विशाल आबादी और विविधता भरे भारत जैसे देश में तेज विकास के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का मंच ही सबसे उपयुक्त मंच है।
ALSO READ: मारपीट मामला : पूर्व नौसेना अधिकारी ने उद्धव ठाकरे से मांगा इस्तीफा, कहा- देश से मांगें माफी
सिवन ने कहा कि ‘गगनयान’ भारत के लिए अति महत्वपूर्ण परियोजना है क्योंकि इससे देश की विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षमता बढ़ेगी। इस दीक्षांत समारोह में 403 विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की गईं। इसके अलावा, संस्थान ने मेधावी छात्र-छात्राओं को विभिन्न पदकों से सम्मानित किया और साथ ही 10 शोध छात्रों को पीएचडी की डिग्री दी गई।
ALSO READ: Oxford की कोरोना वैक्सीन AstraZeneca के ट्रायल को फिर से मिली हरी झंडी
सिवन ने कहा कि भारत सरकार ने अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधारों की घोषणा की है जिससे निजी क्षेत्र के लिए पहल करने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। इन सुधारों से निजी क्षेत्र, स्टार्ट-अप्स और अकादमिक क्षेत्रों को अंतरिक्ष मिशन शुरू करने की अनुमति होगी जिससे नवप्रवर्तन, तकनीकी विविधता और मानव संसाधन विकास को बढ़ावा मिलेगा।
ALSO READ: राजस्थान में फिर खींचतान, सचिन पायलट ने CM गहलोत को याद दिलाया वादा
उन्होंने कहा कि हालांकि पिछली आधी सदी में जो भी प्रगति हुई है, उसके बावजूद गरीबी दूर करने, स्वास्थ्य सेवाओं तक गरीबों की पहुंच आदि जैसी कई समस्याएं दूर की जानी बाकी हैं। सिवन ने कहा, यहां से पढ़ाई पूरी कर बाहर निकल रहे विद्यार्थियों से मेरी अपील है कि हमारे देश के समक्ष इस तरह की जो भी समस्याएं हैं, उन्हें वे बड़ी शिद्दत से दूर करने की दिशा में काम करें।
दीक्षांत समारोह में संस्थान के निदेशक प्रोफेसर पी. नागभूषण ने कहा कि सफलता गंतव्य नहीं है, बल्कि यह एक यात्रा है। सफलता की वजह प्रतिबद्धता और कठिन परिश्रम है।(भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

सर्वे में बड़ा खुलासा, 82 फीसदी दिव्यांगों का बीमा नहीं, 42% आयुष्मान योजना से अनभिज्ञ

नीतीश कुमार ने किया वादा, भाजपा से फिर कभी नहीं तोड़ेंगे नाता

म्यांमार में मुश्किलें कम नहीं, भूकंप की त्रासदी से उबरने का संघर्ष, विद्रोहियों से भी जंग

संघ मुख्यालय पहुंचने वाले दूसरे पीएम बने मोदी, क्यों खास है यह दौरा?

म्यांमार की मदद के लिए भारत ने चलाया 'ऑपरेशन ब्रह्मा', जानिए क्या-क्या भेजा

सभी देखें

नवीनतम

जानिए कौन हैं घिबली' आर्ट की शुरुआत करने वाले हयाओ मियाजाकी, कितनी संपत्ति के हैं मालिक

कौन हैं निधि तिवारी, बनीं पीएम मोदी की Personal Secretary?

पंजाब के मोहाली में सड़क दुर्घटना में पीएचडी छात्र समेत 3 लोगों की मौत

Eid Clash : मेरठ, नूंह से लेकर मुरादाबाद और सहारनपुर तक, ईद पर बवाल और तनातनी

औरंगजेब के मकबरे की तस्वीर के साथ आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाला व्यक्ति हिरासत में

अगला लेख