इसरो दुनिया के सबसे छोटे सैटेलाइट कलामसैट को लांच करेगा। पोलर सैटेलाइट लांच व्हीकल (PSLV) C-44 के तहत कलामसौट और माइक्रोसैट को श्री हरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेश सेंटर से लांच किया जाएगा।
कलामसैट सैटेलाइट का निर्माण भारतीय छात्रों के एक समूह ने किया है। इसका नामकरण देश के पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइलमैन के नाम से मशहूर डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर किया गया है।
कलामसैट दुनिया का सबसे छोटा सैटेलाइट है। इसरो ने हर सैटेलाइट लांचिंग मिशन में PS-4 प्लेटफॉर्म को छात्रों के बनाए सैटेलाइट के लिए इस्तेमाल करने का फैसला किया है। कलामसैट इतना छोटा है कि इसे 'फेम्टो' की श्रेणी में रखा गया है।
इसरो के वैज्ञानिक छात्रों को पूरा उपग्रह बनाने की बजाय पे-लोड बनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। इससे इसरो को सहायता मिलेगी और छात्रों द्वारा तैयार किए गए पे-लोड को पीएस-4 में फिट करके अंतरिक्ष भेज दिया जाएगा।