चेन्नई में IT कंपनी में आयकर विभाग की छापेमारी, 1000 करोड़ का कालाधन मिला

Webdunia
शनिवार, 7 नवंबर 2020 (21:08 IST)
नई दिल्ली। आयकर विभाग ने चेन्नई के एक सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी समूह के ठिकानों पर छापामार कर 1 हजार करोड़ रुपए के कालेधन और संभावित बेनामी संपत्ति का पता लगाया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने 4 नवंबर की इस कार्रवाई की शनिवार को यह जानकारी दी। विभाग ने चेन्नई और मदुरै में 5 ठिकानों पर तलाशी ली गई।

सीबीडीटी के बयान के मुताबिक, इस अभियान में करीब एक हजार करोड़ रुपए की ऐसी आय का पता चला है जिसका ​हिसाब सरकार को नहीं दिया गया था। इसमें से अतिरिक्त आय के रूप 337 करोड़ रुपए का ब्योरा पहले दिया जा चुका था। इसके अलावा बेनामी संपत्ति एवं कालाधन संबंधी अधिनियमों के तहत कुछ और मुद्दे भी सामने आए हैं।

इस कार्रवाई में सिंगापुर की एक कंपनी में निवेश का मामला भी हाथ लगा है। इस कंपनी के शेयर दो कंपनियों के नाम है। इनमें एक इसी समूह की कंपनी है और दूसरी बुनियादी ढांचा विकास एवं कर्ज का कारोबार करने वाले एक बड़े प्रतिष्ठान की अनुषंगी कंपनी है।

बयान में कहा गया है कि जो कंपनी छापे में फंसे समूह की है, वह सिंगापुर में पंजीकृत कंपनी में छोटी रकम का निवेश कर 72 प्रतिशत की हिस्सेदार बन गई जबकि करीब-करीब पूरी शेयर पूंजी का निवेश करने वाली दूसरी कंपनी के पास उसके केवल 28 प्रतिशत शेयर ही हैं।

इस तरह इस निवेश में इस समूह को कई करोड़ सिंगापुरी डॉलर की कमाई हुई जिसका रुपए में मूल्य करीब 200 करोड़ है। आयकर विभाग के समक्ष इस लाभ का विवरण नहीं दिया गया। इस प्रकार की निवेश आय को भारत में कर-वसूली के दायरे में रखा जाता है। इस निवेश का वर्तमान मूल्य 354 करोड़ रुपए आंका गया है।

छापे में यह भी दिखा कि इस समूह ने पांच फर्जी (खोखा) कंपनियां हाल में खरीदी। उनके जरिए फर्जी बिलों के माध्यम से 337 करोड़ रुपए की हेराफेरी की गई। बयान के मुताबिक कंपनी के एक निदेशक ने धन की हेराफेरी की बात स्वीकार की है।

यह भी पता चला है कि इस समूह ने 2009 में लेखा मानकों का पालन न करते हुए 150 करोड़ रुपए के तरजीही शेयरों का आवंटन किया। ऐसा इसलिए किया गया ताकि पूंजी आधार ​बड़ा दिखाकर बैंक और वित्तीय संस्थानों से अधिक कर्ज उठाया जा सके।

इसी तरह 2015 के 150 करोड़ रुपए के तरजीही शेयर आवंटन के एक और मामले की जांच की जा रही है। सीबीडीटी का दावा है कि इस समूह ने बैंकों से ब्याज पर धन उठाकर उसे समूह की दूसरी कंपनियों की अन्य संपत्तियों में निवेश के लिए बिना ब्याज के दिया। बयान के मुताबिक इस प्रकार के लेनदेन में समूह ने कुल 423 करोड़ रुपये का ब्याज छोड़ा।
छापे में पता चला कि इस समूह के पैसे से खोखा कंपनियों ने करीब 800 एकड़ जमीन खरीदी। ये जमीनें कम से कम 500 करोड़ रुपए की हैं। बयान के मुताबिक कार्रवाई में यह भी सामने आया कि इस समूह ने चालू वित्त वर्ष में भारी संख्या में शेयरों का हस्तांतरण किया। ये हस्तांतरण बाजार कीमत से कम पर किए गए। ऐसा करना आयकर अधिनियम 1962 के खिलाफ है।(भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख