Jairam Ramesh's allegations against the government: कांग्रेस ने शनिवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार मजदूरी के भुगतान में परोक्ष रूप से देरी करके महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MNREGA) के तहत मांग को दबा रही है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने एक खबर का हवाला भी दिया।
खबर में कहा गया है कि मनरेगा के बजट की कमी हो गई है और ग्रामीण विकास मंत्रालय ने इसके लिए और आवंटन की मांग की है। रमेश ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर पोस्ट किया कि एक तरफ अप्रैल-सितंबर 2023 के दौरान भारत में कुल वाहन बिक्री का 48 प्रतिशत एसयूवी का था, दूसरी ओर इस वित्तीय वर्ष के पहले 6 महीनों में ही वर्ष 2023-24 के लिए मनरेगा के तहत बजट का 60,000 करोड़ रुपए खत्म हो गया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि यह न केवल देशभर में गहराते ग्रामीण संकट और बढ़ती असमानता को स्पष्ट रूप से इंगित करता है बल्कि मोदी सरकार की प्राथमिकताओं को भी दर्शाता है, जो मजदूरी भुगतान में परोक्ष रूप से अत्यधिक देरी करके मनरेगा के तहत काम की मांग को दबा रही है।
रमेश ने कहा कि मामले को बदतर बनाने के लिए मोदी सरकार ने पारदर्शिता के नाम पर डिजिटलीकरण के लिए मजबूर कर दिया है जबकि वास्तव में इसे उन लोगों के बीच मनरेगा की मांग को हतोत्साहित करने के वास्ते एक औजार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है जिन्हें हकीकत में इस कार्यक्रम की आवश्यकता है।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta